नयी दिल्ली। टेरर फंडिंग पर शिकंजा कसने के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी के निर्देश पर देश की दूसरी एजेंसियों ने एक बार फिर से पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के कई ठिकानों पर छापेमारी की है। जानकारी के अनुसार देश के आठ राज्यों उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, असम, कर्नाटक, दिल्ली औऱ महाराष्ट्र में छापेमारी के दौरान 250 से अधिक पीएफआई के सदस्यों को हिरासत में लिया गया है। सभी संदिग्धों से पूछताछ जारी है। खबर है कि हिंसक प्रदर्शनों की योजना से जुड़े इनपुट मिलने के बाद छापे मारे गए थे।
जानकारी के अनुसार मंगलवार की सुबह करीब 250 लोगों को हिरासत में लिया गया है और 30 से ज्यादा गिरफ्तारियां हुई हैं। इस दौरान 8 राज्यों में पुलिस ने रेड की है। असम से 7 पीएफआई नेताओं को गिरफ्तार किया गया है। वहीं, कर्नाटक में 45 सदस्यों को हिरासत में लिया गया है। इन्हें स्थानीय तहसीलदार के सामने पेश किया जाएगा और न्यायिक हिरासत की मांग की जाएगी। कहा जा रहा है कि गिरफ्तार या हिरासत में लिए गए इन पीएफआई नेताओं ने या तो एनआईए को रोकने की कोशिश की और पहले विरोध प्रदर्शन किए थे या स्थानीय स्तर पर तनाव बढ़ाया था।
पुणे में राज्य की पुलिस ने कथित फंडिंग मामले में पूछताछ के लिए 6 पीएफआई समर्थकों को हिरासत में लिया है। खबर है कि यूपी के सियाना और सारूपुर में कार्रवाई की गई। साथ ही मेरठ, बुलंदशहर और सीतापुर से कई संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है। इधर, राजधानी दिल्ली में शाहीन बाग और जामिया समेत कई इलाकों में छापे चल रहे हैं। रेड के दौरान करीब 12 लोगों को हिरासत में लिया गया है।
हाल ही में नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी और प्रवर्तन निदेशालय ने 13 राज्यों में छापे मारकर 100 से ज्यादा पीएफआई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया था। खबर है कि हिंसक प्रदर्शनों की योजना से जुड़े इनपुट मिलने के बाद छापे मारे गए थे। शीर्ष खुफिया सूत्रों ने जानकारी दी है कि सुबह 6 बजे तक 7 राज्यों में 200 ठिकानों पर रेड कर 170 से ज्यादा कैडर्स को हिरासत में ले लिया गया था। एक खुफिया नोट से पता चला है कि पीएफआई सरकारी एजेंसियों, भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयं सेवक के नेताओं और संगठन को निशाना बनाने की योजना बना रहा था। नोट के अनुसार, नई दिल्ली स्थित तिहाड़ जेल में अपने वरिष्ठ नेताओं को रखे जाने के बाद पीएफआई कार्यकर्ता नाराज हैं। नोट में आगे कहा गया है कि पीएफआई ने सरकार के खिलाफ हिंसक जवाबी कार्रवाई का फैसला किया है।
कर्नाटक से एसडीपीआई यादगिरि जिला अध्यक्ष सहित 75 से अधिक पीएफआई और एसडीपीआई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया है। पूरे राज्य में पुलिस की छापेमारी चल रही है। सभी के खिलाफ धारा 108, 151 सीआरपीसी के तहत मामले दर्ज किए गए हैं।
कर्नाटक के अलावा असम से भी पीएफआई से जुड़े 25 लोगों को हिरासत में लिया गया है। पीएफआई के खिलाफ कई जिलों में छापेमारी अभी भी जारी है। इस बात की जानकारी असम के एडीजीपी (विशेष शाखा) हिरेन नाथ ने दी है। इससे पहले, असम पुलिस ने राज्य के विभिन्न हिस्सों से पीएफआई के कार्यकर्ताओं के 11 नेताओं और दिल्ली से एक नेता को गिरफ्तार किया था।
लखनऊ से मिली जानकारी अनुसार पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के कार्यकर्ता अब्दुल मजीद को उत्तर प्रदेश पुलिस के स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने गिरफ्तार किया है। अब्दुल मजीद पर देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है। एसटीएफ ने पूछताछ में कई अन्य सदस्यों के नाम बताए हैं। एसटीएफ सूत्रों ने बताया कि अब्दुल मजीद के पास से पीएफआई और आईएस से जुड़े इलेक्ट्रॉनिक गैजेट जब्त किया गया है। एसटीएफ के एक अधिकारी के मुताबिक अब्दुल मजीद काकोरी का रहने वाला है। उसको पहले आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। जमानत पर रिहा होने के बाद वह पीएफआई के लिए काम कर रहा था। इसकी सूचना जैसे ही एसटीएफ को मिली, उसे विभूति खंड इलाके से गिरफ्तार कर लिया गया। उसके खिलाफ एसटीएफ के इंस्पेक्टर ने विभूति खंड थाने में मामला दर्ज कराया है। मिली जानकारी के मुताबिक अब्दुल मुस्लिम युवकों को भड़काकर पीएफआई का नेटवर्क बढ़ा रहा था। उसने लखनऊ के साथ-साथ बाराबंकी, बहराइच, गोरखपुर, वाराणसी, कानपुर, सहारनपुर, मेरठ, गाजियाबाद और नोएडा में पीएफआई संगठन के नाम पर कई बैठकें की थीं। यूपी एटीएस और यूपी एसटीएफ ने एक संयुक्त अभियान में राज्य भर में छापेमारी में एक दर्जन से अधिक पीएफआई नेताओं को हिरासत में लिया है।
दिल्ली के निजामुद्दीन, शाहीन बाग इलाके सहित दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में पीएफआई से जुड़े स्थानों पर केंद्रीय एजेंसी और दिल्ली पुलिस द्वारा संयुक्त छापेमारी चल रही है। 30 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है। सभी से कड़ी पूछताछ की जा रही है। वहीं अब छापेमारी के मद्देनजर दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने बैठक बुलाई है।
महाराष्ट्र पुलिस के अनुसार पीएफआई से जुड़े करीब 40 लोगों को अब तक औरंगाबाद, सोलापुर, अमरावती, पुणे, ठाणे और मुंबई से हिरासत में लिया गया है। इस पूरे ऑपरेशन को राज्य की स्थानीय पुलिस ने एक केंद्रीय एजेंसी के इनपुट के साथ अंजाम दिया है। सभी पूछताछ जारी है। पुणे पुलिस ने आज सुबह कोंढवा इलाके से एसडीपीआई और पीएफआई से जुड़े 6 लोगों को हिरासत में लिया।
मध्यप्रदेश में भी एटीएस ने सोमवार रात भोपाल, उज्जैन, इंदौर समेत आठ जिलों में पीएफआई सदस्यों के ठिकानों पर छापामार कार्रवाई कर 22 संदिग्ध लोगों को हिरासत में लिया है। एटीएस को इन संदिग्ध लोगों की जानकारी पूर्व में पकड़े गए चार आरोपी लोगों से पूछताछ के बाद मिली है। एटीएस की कार्रवाई अभी जारी है।
पीएफआई के साथ संबंधों को लेकर पूछताछ के लिए गुजरात में कम से कम 10 लोगों को हिरासत में लिया गया है। गुजरात एटीएस के साथ मिलकर मंगलवार को सोशल डेमोकेट्रिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) के खिलाफ कार्रवाई की। 15 कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया, जिनसे पूछताछ की जा रही है। एसडीपीआई पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) की राजनीतिक शाखा है।
एटीएस के सूत्रों ने कहा कि राज्य की टीम एसडीपीआई सदस्यों से पूछताछ में एनआईए की टीम की मदद कर रही है। एजेंसी पार्टी में उनकी भूमिका के बारे में जानकारी इकट्ठा करने की कोशिश कर रही है। साथ ही यह जानने में जुटी है कि क्या उनका पीएफआई के साथ कोई संबंध है, वे कैसे धन जुटा रहे हैं और डोनर्स कौन हैं। जिन सदस्यों से पूछताछ की जा रही है वे अहमदाबाद, बनासकांठा, सूरत और नवसारी के हैं। एनआईए इस पर आधिकारिक बयान जारी करेगी।जब आईएएनएस ने एसडीपीआई के केंद्रीय कार्यालय से संपर्क किया, तो एक पदाधिकारी ने कहा कि चूंकि पार्टी ने हाल ही में गुजरात में प्रवेश किया है, इसलिए कोई आधिकारिक नियुक्ति नहीं की गई है। 15 लोगों से पूछताछ के बारे में किसी भी सदस्य को कोई जानकारी नहीं है।