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केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को कहा कि वैश्विक कारोबार में भारत के गेहूं निर्यात की एक प्रतिशत से कम हिस्सेदारी है। भारत की ओर से गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध लगाने से वैश्विक बाजारों पर कोई असर नहीं होगा। विश्व आर्थिक मंच के सालाना सम्मेलन के एक सत्र में बोलते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत अपने पड़ोसी और गरीब देशों को गेहूं का निर्यात जारी रखेगा।
उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय गेहूं बाजार में भारत अभी तक कभी भी पारंपरिक भागीदार नहीं रहा है। दो वर्ष पहले तक भारत गेहूं का निर्यात भी नहीं करता था। भारत ने 20 लाख टन गेहूं से निर्यात की शुरुआत की थी जो पिछले वर्ष 70 लाख टन तक पहुंचा था। सामान्यतया यह अतिरिक्त गेहूं होता है जिसकी हम बिक्री करते हैं। बीते दो महीनों में यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध के बावजूद अतिरिक्त गेहूं की बिक्री ही की गई है।
उन्होंने कहा कि इस वर्ष गेहूं उत्पादन में सात से आठ प्रतिशत की गिरावट का अनुमान है। इसकी वजह उत्तर भारत में ज्यादा गर्मी के कारण फसल प्रभावित होना है। बता दें कि सरकार ने घरेलू स्तर पर बढ़ती कीमतों पर काबू के लिए 13 मई को गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। उधर, गोयल ने कहा कि अभी गेहूं के निर्यात पर लगे प्रतिबंध को हटाने की कोई योजना नहीं है।