City Headlines

Home » 49 फिल्म हस्तियों और इतिहासकार समेत तत्कालीन SSP की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, परिवादी से शपथ पत्र तलब

49 फिल्म हस्तियों और इतिहासकार समेत तत्कालीन SSP की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, परिवादी से शपथ पत्र तलब

by Nikhil

2019 के 23 जुलाई को बिहार के मुजफ्फरपुर व्यवहार न्यायालय में, सुधीर कुमार ओझा नामक परिवादी द्वारा एक मामला दर्ज किया गया था। इस मामले में फिल्मी हस्तियों जैसे अर्पणा सेन, अदुर गोपाल कृष्णन, शोभा दुग्गल, सोमित चटर्जी, रेवती, कोंकणा सेन, श्याम बेनेगल, मणि रत्नम तथा इतिहासकार रामचंद्र गुहा सहित अन्य 40 कलाकारों और इतिहासकारों के खिलाफ उम्मीदवारी दर्ज की गई थी। यह मामला एक संज्ञानात्मक पत्र के द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ था। न्यायालय ने इस मामले में दंड प्रकिया की धारा 156 (3) के तहत प्राथमिकी दर्ज करने के लिए आदेश दिया था। अब न्यायालय ने परिवादी से मामले में शपथ पत्र की मांग की है।

परिवादी ने आरोप लगाया है कि जांच के दौरान, अनुसंधानकर्ताओं ने मेरे द्वारा दिए गए साक्षियों के बयान को केस डायरी में दर्ज नहीं किया। नगर पुलिस उपाधिक्षक द्वारा उपरोक्त स्थिति का सुपरवीजन भी नहीं किया गया। साथ ही, वरीय पुलिस अधीक्षक तत्कालीन मनोज कुमार ने बिना जांच किए असत्य कर सुपरविजन को हटा दिया, जिसे जांचकर्ता ने न्यायालय में स्वीकृति के लिए समर्पित किया।

परिवादी ने बताया कि मैंने अदालत में उसके खिलाफ विरोध-पत्र दाखिल किया था। परिवाद पत्र 322/2021 को दर्ज करके जांच की गई है। मेरे द्वारा उपरोक्त अभियुक्तों के खिलाफ परिवाद पत्र में लगाए गए आरोपों के संबंध में विरोध-पत्र भी दाखिल किया गया है। उसमें आरोप है कि गवाह महेश साह, संतोष कुमार, कंगना रनौत, मधुकर मंडाकर का कोई बयान पुलिस द्वारा नहीं लिया गया। अन्य गवाहों का भी बयान जांच के दौरान नहीं लिया गया। प्राथमिकी में वशिष्ट नारायण ओझा को गवाह नहीं बनाया गया था, फिर भी पुलिस ने उनका बयान डायरी में दर्ज कर भेजा है।

परिवादी सुधीर कुमार ओझा ने बताया कि दर्ज परिवाद पत्र में मैंने आरोप लगाया है कि दिनांक 23 जुलाई 2019 को सभी टीवी चैनल और अखबारों में देखने-पढ़ने का मौका मिला, जिसमें नामित अभियुक्तगण के साथ-साथ 49 फिल्मी कलाकारों द्वारा एक पत्र प्रधानमंत्री के नाम लिखा गया था। उसमें आरोप लगाया गया था कि माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शासनकाल में अब दलित असुरक्षित हैं, मुस्लिम असुरक्षित हैं और खुलेआम मॉब लिंचिंग की जा रही है। उसी पत्र में यह भी जिक्र था कि श्रीराम का नारा लगाते हुए इनके राज्य में लोग कानून अपने हाथ में ले रहे हैं। परिवादी ने आशंका जताते हुए कहा कि उक्त पत्र को अभियुक्तगण द्वारा प्रचारित-प्रसारित कर देश को खंड-खंड करने, विदेश में बदनाम करने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि अपने देश में तथा विदेश में खराब करने का कार्य किया जा रहा है।

उसके बाद, 62 फिल्मी कलाकारों ने पीएम नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखकर अभियुक्तगण द्वारा लिखे गए पत्र में आरोपों का जोरदार विरोध किया। परिवादी ने कहा कि अभियुक्तगण द्वारा पत्र में इस बात का जिक्र किया गया कि जय श्रीराम का नारा लगाकर मॉब लिंचिंग का कार्य किया जा रहा है, जिसे पढ़ और सुनकर मेरी भावना आहत हुई और धार्मिक भावानओं को ठेस पहुंची। उन्होंने कहा कि इससे देश के करोड़ों हिंदुओं की धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने का कार्य किया गया। भगवान राम का नाम लेकर बदनाम किया गया।

Subscribe News Letter

Copyright © 2022 City Headlines.  All rights reserved.