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Home » 2024 के चुनाव में रायबरेली की महाजीत ने राहुल के लिए नयी चुनौती पैदा की है, जिसने उन्हें संगठन को मजबूत करने और अपने वादों पर खरे उतरने की जिम्मेदारी को और भी महसूस कराया है।

2024 के चुनाव में रायबरेली की महाजीत ने राहुल के लिए नयी चुनौती पैदा की है, जिसने उन्हें संगठन को मजबूत करने और अपने वादों पर खरे उतरने की जिम्मेदारी को और भी महसूस कराया है।

by Nikhil

रायबरेली में हुई बड़ी जीत ने राहुल गांधी को नए चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। 2019 में जीत के बाद से सोनिया गांधी ने स्वास्थ्य कारणों के चलते पांच साल तक रायबरेली से दूरी बनाए रखी थीं। इसके बावजूद, उनके प्रतिनिधि केएल शर्मा ने कुछ साधनों का उपयोग करके स्थानीय लोगों को गांधी परिवार से जुड़े रखा।

रायबरेली में हाल ही में हुए चुनाव में कांग्रेस को एक महत्वपूर्ण सवाल का सामना करना पड़ा। सोनिया गांधी के स्वास्थ्य समस्याओं के कारण उन्होंने रायबरेली से कई सालों तक दूरी बनाए रखी थीं, जिससे कांग्रेस का संगठन कमजोर पड़ गया था। इससे बढ़कर, विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को कठिनाईयों का सामना करना पड़ा, और उन्हें हार का सामना करना पड़ा। अब राहुल गांधी के सामने एक महत्वपूर्ण चुनौती है, संगठन को मजबूत करने के साथ-साथ जनता के वादों को पूरा करने का भी। वहाँ सीधे संपर्क में आने की आवश्यकता है, जो उन्हें पूरा करना होगा।

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