City Headlines

Home » 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण देने संबंधी एक्ट को दी चुनौती, हाईकोर्ट ने उत्तराखंड सरकार से मांगा जवाब

10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण देने संबंधी एक्ट को दी चुनौती, हाईकोर्ट ने उत्तराखंड सरकार से मांगा जवाब

हाईकोर्ट ने राज्य आंदोलनकारियों को उत्तराखंड सरकार की ओर से 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण देने संबंधी एक्ट को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई

by Mansi Rathi

हाईकोर्ट ने राज्य आंदोलनकारियों को उत्तराखंड सरकार की ओर से 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण देने संबंधी एक्ट को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद राज्य सरकार को छह सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।

कोर्ट ने पूछा है कि आरक्षण किस आधार पर तय किया है। उसका डेटा पेश करें। साथ ही कोर्ट ने याचिकाकर्ता को कहा है कि इस आदेश की प्रति लोक सेवा आयोग को भेजें, ताकि आगे की कार्यवाही न हो सकें। हालांकि सुनवाई के दौरान कोर्ट ने तत्काल इस एक्ट पर रोक लगाने से इन्कार कर दिया। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि पूर्व में इस मामले पर अहम फैसला देते हुए कोर्ट ने कहा था कि राज्य सरकार राज्य आंदोलनकारियों को आरक्षण नही दे सकती क्योंकि राज्य के सभी नागरिक राज्य आंदोलनकारी थे। इस आदेश को राज्य सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती नहीं दी। अब सरकार ने आरक्षण देने के लिए 18 अगस्त 2024 को कानून बना दिया, जो हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ है। इसका विरोध करते हुए राज्य के महाअधिवक्ता ने कहा कि राज्य को इसमें कानून बनाने का अधिकार है। अभी सुप्रीम कोर्ट ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों के लिए नई आरक्षण नीति तय करने का आदेश दिया। वर्तमान में राज्य की परिस्थितियां बदल गई हैं। उसी को आधार मानते हुए राज्य सरकार ने 18 अगस्त 2024 को आरक्षण संबंधी कानून बनाया है। इसी के आधार पर लोक सेवा ने पद सृजिद किए है।

मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार देहरादून निवासी भुवन सिंह सहित अन्य ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर इस नए एक्ट को असंवैधानिक बताते हुए इसको निरस्त करने की मांग की थी। जनहित याचिका में कहा कि 2004 में राज्य आन्दोलनकारियों को 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण दिया गया था। इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती मिली थी। हाईकोर्ट ने इस सरकारी आदेश को 2017 में असंवैधानिक करार दे दिया। इसके बाद उत्तराखंड सरकार ने 18 अगस्त 2024 को इस आदेश के खिलाफ एक्ट लेकर आई और राज्य आंदोलनकारियों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने का निर्णय ले लिया। याचिका में इस एक्ट को असंवैधानिक बताते हुए निरस्त करने की मांग की गई थी।

Subscribe News Letter

Copyright © 2022 City Headlines.  All rights reserved.