उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना ने दिनांक-23 मई, 2022 से प्रारम्भ हो रहे 18वीं विधानसभा के प्रथम सत्र को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए सभी दलीय नेताओं से सहयोग के लिए अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि संसदीय व्यवस्था में संवाद और सकारात्मक चर्चा-परिचर्चा के माध्यम से लोकतंत्र मजबूत होता है। विधान भवन में आयोजित सर्वदलीय बैठक में सभी दलीय नेताओं ने विधान सभा अध्यक्ष को सदन चलाने में सहयोग देने का आश्वासन दिया।
बैठक में विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि उत्तर प्रदेश विधानसभा देश की सबसे बड़ी विधानसभा है। स्वाभाविक रूप से उत्तर प्रदेश विधान सभा की कार्यवाही पूरे देश के विधान मण्डलों के लिए एक मानक और आदर्श भी उपस्थित करती है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अध्यक्ष सहित सभी दलीय नेतागण एवं संसदीय कार्यमंत्री, विधान सभा सचिवालय से जुड़े हुए सभी अधिकारीगण यह हम सबके लिए बहुत महत्वपूर्ण अवसर है। जब 18वीं विधान सभा का प्रथम सत्र प्रारम्भ होने जा रहा है। 23 मई से प्रारम्भ होने वाले इस सत्र का कार्यक्रम राज्यपाल के अभिभाषण से प्रारम्भ होगा।
बजट सत्र के रूप में वर्ष 2022-23 का यह बजट भी सदन में प्रस्तुत होना है। जनता ने बड़े विश्वास के साथ सभी सदस्यों को देश की सबसे बड़ी विधानसभा में चुनकर भेजा है। मैं बार-बार इस बात को कहता हूं कि 25 करोड़ की आबादी में 403 ऐसे विशिष्ट महानुभाव हैं, जिन पर जनता ने विश्वास किया है। जो 25 करोड़ लोगों के भाग्य को बदलने में अपना योगदान देंगे। उत्तर प्रदेश विधानसभा में जो कुछ भी कार्य होता है, जिस भी प्रकार का आचार-विचार और व्यवहार होता है, देश की विभिन्न विधान सभाओं में उस प्रकार के आचरण की अपेक्षा भी होती है और लोग उसको अंगीकार भी करते हैं।
सीएम ने कहा कि मुझे याद है जब 17वीं विधानसभा के दौरान हम लोगों ने सतत् विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए एक अनवरत् चर्चा को सदन के समक्ष रखा था तो पूरी चर्चा को वर्चुअली प्रधानमंत्री और पूरे केन्द्रीय मंत्री सुन रहे थे। चर्चा का जवाब देने के बाद जब मैं रात्रि को 11:00 बजे के बाद अपने आवास की ओर गया तो मेरे पास रात्रि के 11ः30 बजे प्रधानमंत्री आवास से फोन आया कि प्रधानमंत्री बात करना चाहते हैं तो मैंने फोन लिया उन्होंने कहा कि आप लोगों ने बहुत अच्छा किया जनता की जो अपेक्षायें हैं, उस पर उत्तर प्रदेश विधानसभा में चर्चा होना एक बहुत बड़ी बात है।
इसका मतलब है कि वहां पर लोग एक सकारात्मक भाव के साथ काम करना चाहते हैं और आप लोगों ने क्या तय किया इसको मुझे उपलब्ध कराइये। मैं भी अन्य विधान सभाओं से अपेक्षा करूंगा कि वह भी इस पर कार्य करें और जो भी चर्चा हुई है, उसको सभी विधान सभाओं में अगर आप भेज सकेंगे तो अच्छा होगा। हम लोगों ने यहां पर जब चर्चा हुई थी तो डिबेट ली थी, उस डिबेट को हम लोगों ने हिन्दी और अंग्रेजी दोनों में उसे देश की सभी विधान सभाओं में, सभी पुस्तकालयों में भिजवाने का काम भी किया था। इसके उपरान्त राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयन्ती के अवसर पर भी एक विशेष सत्र का आयोजन हुआ था और फिर संविधान सभा के अवसर पर भी हम लोगों ने इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाया था।
कोरोना काल खण्ड के दौरान उत्तर प्रदेश विधान सभा कैसे कार्य कर रही है, राज्यसभा के सभापति और देश के उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने मुझे फोन करके पूछा कि विधान सभा में कार्य कैसे हो रहा है तो मैंने उनको बताया कि हम लोग एक-एक सीट छोड़कर के बैठ रहे हैं। 60 साल से ऊपर के जो सदस्य किसी बीमारी से पहले से परेशान हैं, उनको यह सलाह दी गयी है कि घर से वर्चुअली उनकी उपस्थिति मान ली जायेगी या जिन्हें अभी हाल ही में कोरोना के कुछ लक्षण आये हैं, वह भी घर से ही वर्चुअली जुड़े रहें। जो लोग कोविड पॉजिटिव हैं, उनकी उपस्थिति भी हम लोग मान रहे हैं फिर उन्होंने कहा कि आप थोड़ा मुझे इसको लिखकर भेज दीजिए, क्योंकि हमें संसद चलाना है।
उत्तर प्रदेश विधान सभा को हम संसद को अपनी कार्य पद्धति का संचालन करने के लिए एक आदर्श के रूप में मानते हैं। उत्तर प्रदेश की विधानसभा में क्या हुआ, उसको देश के उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति भी हम लोगों से यह जानने के लिए कि आखिर कैसे हम इन कार्यक्रमों को आगे बढ़ा रहे हैं, इसके बारे में भी चर्चा करते हैं। यह सामान्य चर्चा इसलिए क्योंकि इससे सदन की गरिमा बढ़ती है और सभी सदस्यों का सम्मान भी बढ़ता है। जब उत्तर प्रदेश में अच्छा काम होगा तो उत्तर प्रदेश के प्रत्येक नागरिक को, प्रत्येक जनप्रतिनिधि को भी सम्मान मिलेगा।
प्रत्येक नागरिक के प्रति लोगों के मन में धारणा बनती है, हमें इस धारणा को बदलना होगा और मैं बार-बार इस बात को कहता हूं कि सदन चर्चा का बेहतरीन मंच होना चाहिए। हमारे बाद जो भी सदस्य आये हैं हो सकता है कि उनकी शिक्षा कम भले ही हुई हो, लेकिन व्यावहारिक जीवन का बहुत बड़ा ज्ञान उनके पास है। अथाह भण्डार उनके पास है, मैंने संस्टनेबुल डवलपमेन्ट गोल्फ पर जब सदस्यों के विचार को सुना, मैं रात्रि 02:00 बजे तक सदन में बैठा था और रात्रि 02:00 बजे तक मैं यह सुनता रहा सिर्फ 7 से 10 मिनट का समय मिल पाता था, लेकिन वह 7 से 10 मिनट के अन्दर प्रभावी चर्चा उनके द्वारा होती थी।
जिनको हम यह मानते थे कि सामान्य गांव के लोग हैं, क्या चर्चा में भाग ले पायेंगे। बेहतरीन चर्चा का मंच उन्होंने विधानसभा को बनाया था। अपील की कि सरकार हर विषय पर चर्चा के लिए तैयार है। सही नियम के अन्तर्गत नोटिस विधान सभा सचिवालय को प्राप्त हो। सरकार हर एक मुद्दे का जवाब देने, उस पर चर्चा करने की पूरी तरह पक्षधर है और हमें बेहतरीन चर्चा-परिचर्चा का मंच बनाकर प्रदेश के विकास के लिए सामने रखना ही होगा, क्योंकि जनता ने जिस अपेक्षा के साथ हमें भेजा है। उन अपेक्षाओं पर खरा उतरना हम सबका न केवल दायित्व है, बल्कि हम सब उसकी ही प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर सकेंगे, एक अच्छा उदाहरण प्रस्तुत कर पायेंगे।
सीएम ने कहा कि उससे न केवल आप सभी के बल की गरिमा बढ़ेगी, बल्कि आपके साथ-साथ प्रदेशवासियों को भी उस गम्भीर और प्रभावी चर्चा से सम्मान में वृद्धि होगी। मैं एक बार फिर से आप सबको आश्वस्त करता हूं कि सरकार इसमें भरपूर सहयोग करेगी और जिस भी विषय को चर्चा के लिए अध्यक्ष महाना और विधानसभा सचिवालय के द्वारा स्वीकार किया जायेगा, उसका पूरा जवाब देने और पूरी जिम्मेदारी के साथ सरकार उसे आगे बढ़ाने का कार्य भी कर रही है। आप सभी सहयोग करिये। सरकार का पूरा सकारात्मक सहयोग विधान सभा के इस सफल संचालन के साथ ही मंच का उपयोग हम बेहतरीन संसदीय मंच के रूप में कर सकेंगे, आप सब आये हैं, बहुत-बहुत आपका अभिनन्दन, धन्यवाद।
संसदीय कार्यमंत्री ने सभी दलीय नेताओं को आश्वस्त किया कि सरकार पूरी गम्भीरता एवं प्रतिबद्धता के साथ सदन में प्राप्त सदस्यों के प्रस्तावों को सकारात्मक रूप से आगे बढ़ाने, विकास की योजनाओं को नई गति देने और उसे आगे बढ़ाने के लिए तत्परतापूर्वक कार्य करेंगी। उन्होंने कहा कि सरकार सभी मुद्दों पर सकारात्मक कार्रवाही के लिए प्रतिबद्ध है। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि समय की जो मांग है उस परिपेक्ष्य में उत्तर प्रदेश विधान सभा ई-विधान लागू करने वाला देश का सबसे बड़ा प्रदेश है। सभी सदस्यों को वरिष्ठता के आधार पर सीट आवंटन के आशय से दलीय नेताओं से विचार-विर्मश किया गया।
प्रश्नों को सदन में लगाए जा रहे स्क्रीन पर दिखाये जानें के साथ ही प्रश्नों के सापेक्ष अनुपूरक प्रश्नों एवं सदस्यों को ई-विधान के प्रशिक्षण सहित यूट्यूब सोशल मीडिया एवं सत्र की कार्यवाही के सजीव प्रसारण पर भी चर्चा की गई। 18वीं विधान सभा के आहूत सत्र में प्रथम बार ई-विधान लागू करने के साथ ही एजेण्डा सहित अन्य साहित्य की हार्ड कापी भी इस सत्र में उपलब्ध करायी जायेगी जिससे सदस्यों को असुविधा न होने पाये। विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि इस अवसर पर दिनांक-20 व 21 मई 2022 को 18वीं विधान सभा के लिए नव-निर्वाचित सदस्यों के प्रशिक्षण हेतु सत्र आहूत से पूर्व दो दिवसीय प्रबोधन का आयेजन भी किया गया।
अध्यक्ष ने सभी दल के नेताओं से अनुरोध किया कि वे अपना-अपना पक्ष सदन में शालीनता एवं संसदीय मर्यादा के अन्तर्गत रखे और प्रेमपूर्ण वातावरण में सदन में बहस करें। मुख्यमंत्री को धन्यवाद् देते हुए कहा कि अभी कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में इस बात पर चर्चा हुई कि जब तक सदन में कोरम रहेगा, हम सदन को चलायेंगे। विधानसभा चलाने की सभी की संयुक्त जिम्मेदारी है। एक बार पहले इस विषय पर चर्चा हुई थी कि बारह बजे के बाद तारीख बदल गई तो यह निष्कर्ष निकला था कि विधानसभा का एजेण्डा उस तारीख तक के लिए नहीं बल्कि पूरी कार्यवाही तक का है।
इसलिए हम किसी भी समय तक हाउस चलाने को तैयार है। जो अभी सदस्य ने कहा कि मंत्री अध्यक्ष से मिल करके आ जाते होंगे कि हमारा प्रश्न न आये, यह सही नहीं है ज्यादातर मंत्री तैयारी के साथ आते हैं और वह चाहते हैं कि उनका प्रश्न जरूर आये। मैं जब मंत्री था और जब मेरा प्रश्न नहीं आता था तो मैं निराश हो करके जाता था क्योंकि मैं तैयारी करके आता था कि आज सदन को मैं यह बताऊंगा। नियम-51, नियम-301 की जो सूचनाएं हैं ज्यादा से ज्यादा स्वीकार की जाने के लिए भी सहमति व्यक्त की गयी है।
इस बात पर भी चर्चा की गयी कि जिस सदस्य ने सूचना लगायी है यदि वह सदन में उपस्थित नहीं होगा तो उसकी सूचना नहीं ली जायेगी। जिस दिन मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष बोलेंगे उस दिन नियम-56 की सूचनाएं नहीं ली जायेंगी बाकी सब दिन ली जायेंगी। पहले डी.डी. न्यूज पर सदन की कार्यवाही आती थी बाद में उसे 3 बजे तक बढ़ा दिया था लेकिन अब यू0ट्यूब पर लाइव रहेंगे इसलिए सभी सदस्यों को इस बात के लिए सावधान रहना पड़ेगा कि आपके द्वारा किया गया व्यवहार पूरा प्रदेश देख रहा है। अगर कोई भी सदस्य गलत आचरण करता है तो विधान सभा के सभी सदस्यों पर आरोप आता है।
उन्होंने कहा कि यह विधानसभा हम सभी की है और इसकी गरिमा को बनाये रखना भी हम सभी की जिम्मेदारी है चाहे हम पक्ष के हों या विपक्ष के। मुख्यमंत्री के निर्देशन में विधान सभा हाईटेक हुई है, उसका लाभ भी सभी को मिलेगा। मैं मुख्यमंत्री जी को बताना चाहता हूं कि कल जो ट्रेनिंग हुई उसमें सभी माननीय सदस्य खूब रुचि रही है। इससे पॉजिटिव मैसेज जाता है। इसकी ट्रेनिंग के लिए नेवा-सेवा केन्द्र विधान सभा के बना हुआ है आप लोग उसका लाभ उठा सकते हैं।
बता दें कि बैठक में समाजवादी पार्टी के नेता प्रतिपक्ष के स्थान पर इन्द्रजीत सरोज, नेता राष्ट्रीय लोक दल के नेता राजपाल वालियान, अपना दल (सोनेलाल) के नेता राम निवास वर्मा, निर्बल इण्डियन शोषित हमारा आम दल के नेता अनिल कुमार त्रिपाठी, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के नेता जगदीश नारायण राय, कांग्रेस पार्टी की नेता आराधना मिश्रा मोना, जन सत्ता दल (लोकतान्त्रिक) के नेता रघुराज प्रताप सिंह ‘‘राजा भइया’’ बहुजन समाज पार्टी के नेता, उमाशंकर सिंह ने भी अपने अपने विचार व्यक्त किये और सदन की कार्यवाही को व्यवस्थित ढंग से चलाने में प्रत्येक प्रकार का सहयोग देने का आश्वासन दिया।
बता दें कि विधानसभा मंडप में समवेत सदन में राज्यपाल का अभिभाषण शुरू होते ही सपा सदस्य हाथों में सरकार विरोधी नारे लिखी तख्तियां लेकर नारेबाजी, हंगामा करने लगे। वेल में आ गए। वे राज्यपाल वापस जाओ के नारे भी लगा रहे थे। इस दौरान सपा विधायक शिवपाल सिंह यादव और अब्दुल्ला आजम अपनी अपनी सीटों पर चुपचाप बैठे सदन का नजारा देख रहे थे। सपा के अन्य सदस्यों से इतर दोनों ने लाल टोपी नहीं पहनी थी।
बता दें कि हंगामे और नारेबाजी के बीच राज्यपाल का अभिभाषण जारी रहा। इससे पूर्व सपा के वरिष्ठ नेता और रामपुर के विधायक मोहम्मद आजम खां और उनके विधायक पुत्र अब्दुल्ला आजम को विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने विधानसभा की सदस्यता की शपथ दिलाई। संसदीय कार्यमंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने मुख्यमंत्री की भावना के अनुरूप सभी दलीय नेताओं से सदन में शान्तिपूर्ण सहयोग करने की अपील की। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश विधानसभा के प्रमुख सचिव, प्रदीप कुमार दुबे, व अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहें।