सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव का सीधा संबंध वैश्विक राजनीतिक और आर्थिक घटनाओं से है। अमेरिकी एनालिटिकल कंपनी मॉर्निंगस्टार के विश्लेषकों ने अनुमान लगाया है कि सोने की कीमत अगले कुछ सालों में 38% तक गिर सकती है, जिससे 10 ग्राम सोने की कीमत लगभग 55,000 रुपये तक आ सकती है। इसका कारण सोने की बढ़ी हुई आपूर्ति और घटती मांग हो सकती है।
सोने की कीमतों में वृद्धि की एक मुख्य वजह पिछले कुछ वर्षों से चल रहे युद्ध और राजनीतिक संघर्ष जैसे रूस-यूक्रेन युद्ध, इजरायल-हमास संघर्ष, और अमेरिका-ईरान के बीच परमाणु टेंशन रही है, जिनके कारण सोना एक सुरक्षित निवेश के रूप में उभरा है। हालांकि, अगर ये संघर्ष समाप्त होते हैं और वैश्विक स्थिति स्थिर होती है, तो सोने की मांग कम हो सकती है, जिससे कीमतें गिर सकती हैं।
सोने का उत्पादन बढ़ने के कारण भी कीमतों में गिरावट की संभावना जताई जा रही है। विशेष रूप से, ऑस्ट्रेलिया और अन्य देशों में सोने का उत्पादन बढ़ा है, और पुराने सोने को फिर से उपयोग में लाने का चलन भी बढ़ा है। इसके अलावा, केंद्रीय बैंकों की सोने की खरीद में कमी आने से भी मांग पर असर पड़ सकता है।
अगर रूस-यूक्रेन युद्ध और इजरायल-हमास संघर्ष में कोई स्थिरता आती है, तो यह सोने की कीमतों को गिरा सकता है, क्योंकि इन संघर्षों के कारण सोने की अत्यधिक मांग रही है।