नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोनाली चक्रवर्ती को कलकत्ता यूनिवर्सिटी का कुलपति दोबारा नियुक्त करने के पश्चिम बंगाल सरकार के फैसले को निरस्त कर दिया। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि राज्य सरकार ने कुलपति को नियुक्त करने के कुलाधिपति के अधिकार का अतिक्रमण किया है।
सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार की कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका खारिज करते हुए यह टिप्पणी की। 27 अगस्त, 2021 को पश्चिम बंगाल सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर सोनाली चक्रवर्ती को दोबारा चार साल के लिए कुलपति नियुक्त किया था। सोनाली चक्रवर्ती को दोबारा कुलपति नियुक्त करने के फैसले को वकील अनिंद्य सुंदर दास ने कलकत्ता हाई कोर्ट में चुनौती दी थी।
हाई कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया था कि सोनाली चक्रवर्ती को पश्चिम बंगाल सरकार के उच्च शिक्षा विभाग के मुख्य सचिव के हस्ताक्षर से नियुक्त किया गया है। ऐसा करना कलकत्ता युनिवर्सिटी एक्ट का उल्लंघन है। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने सोनाली चक्रवर्ती को दोबारा कुलपति नियुक्त करने के राज्य सरकार के आदेश को निरस्त कर दिया था। हाई कोर्ट के आदेश को पश्चिम बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।