देश की सर्वोच्च अदालत ने ओबीसी आरक्षण को लेकर अपना अहम फैसला सुनाया है। मध्यप्रदेश में आगामी पंचायत एवं नगर पालिका के चुनाव बिना ओबीसी आरक्षण के कराए जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा पेश की गई ओबीसी की रिपोर्ट को अधूरा बताया है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद रिव्यू पिटीशन सरकार लगाएगी।
सुप्रीम कोर्ट में मप्र सरकार द्वारा पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव नहीं कराए जाने पर कई लोगों ने याचिका दायर की थीं। हाल ही में शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने 10 मई को फैसले की तारीख सुनिश्चित की थी। आज सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में मप्र सरकार की रिपोर्ट को अधूरा मानते हुए अहम फैसला दिया है और कहा है कि सरकार 15 दिन के अंदर पंचायत एवं नगर पालिका के चुनाव की अधिसूचना जारी करे। वहीं, सुप्रीम कोर्ट कहा है कि इन चुनावों में ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षण नहीं मिलेगा।
दरअसल सुप्रीम कोर्ट मार्च 2021 में महाराष्ट्र के बांद्रा, गोंदिया और नागपुर जिला पंचायत के संबंध में आदेश जारी कर चुकी थी कि जो भी राज्य नए सिरे से ओबीसी आरक्षण देना चाहते हैं, उसे ट्रिपल टेक्स्ट पूरे करने होंगे। ट्रिपल टेक्स्ट के तहत पहली शर्त संवैधानिक आधार पर पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन करने और दूसरी शर्त पिछड़ा वर्ग की जातिगत जनगणना कराने के साथ तीसरी शर्त आरक्षण किसी भी कीमत पर 50% से ज्यादा ना होने की थी, लेकिन मध्यप्रदेश सरकार ने इस मामले में जो रिपोर्ट पेश की वह सुप्रीम कोर्ट ने आधी अधूरी मानी है।