उत्तर प्रदेश की सीएम योगी आदित्यनाथ ने ‘सड़क सुरक्षा’ के संबंध में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा की हैं। लोकभवन में सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक उच्चस्तरीय बैठक में प्रदेश के आकांक्षात्मक जनपदों की प्रगति की समीक्षा की है। मुख्यमंत्री ने निर्देशित किया कि आकांक्षात्मक जनपदों के तय विकास मानकों के संबंध में अद्यतन स्थिति का सतत आकलन किया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि डाटा सटीक, त्रुटिरहित और सही स्थिति को दर्शाए। साथ ही, डेटा की जांच के लिए स्वतंत्र एजेंसी/संस्थाओं का सहयोग लेने पर भी विचार किया जाए।
सड़क के किनारे बने स्टैंड में पर्याप्त जगह होनी चाहिए, यात्रियों के लिए कुछ बुनियादी सुविधाएं हों। पेयजल, टॉयलेट और बैठने की व्यवस्था हो, तब कोई व्यक्ति स्टैंड के नाम पर प्रशासन की अनुमति से फीस वसूल सकता है। अगर कोई व्यक्ति सड़क पर मानकों के विपरीत स्टैंड चलाता है तो वह 24 घंटे में बंद होने चाहिए। अगर कोई व्यक्ति इस तरह की गतिविधि करने का अभ्यस्त है तो उस पर गैंगस्टर के तहत FIR दर्ज कर उसकी पूरी संपत्ति को जब्त करें। अवैध वसूली की कमाई राजकोष में जमा होनी चाहिए।
स्पीड ब्रेकर को ‘कमर तोड़ू’ न बनाया जाए। ऐसे स्पीड ब्रेकर बीमार व्यक्तियों व गर्भवती महिलाओं के लिए खतरनाक हो सकते हैं। प्रदेश में जहां कहीं भी मानक विपरीत स्पीड ब्रेकर बने हैं उन्हें तत्काल हटाया जाए। टेबल टॉप स्पीड ब्रेकर बनाए जाएं। माफिया प्रवृत्ति के किसी भी व्यक्ति को किसी भी ठेका-पट्टे के साथ मत जुड़ने दीजिए। एक भी माफिया जुड़ेगा तो उसका पूरा गैंग वहां पर अनैतिक व अवैध गतिविधियों का अड्डा बना देगा। हर एक माफिया की कमर तोड़ डालिए।
हर जनपद में ट्रैफिक नियमों की जानकारी वाले ‘हैंड बिल’ भी भेजे जा रहे हैं। सुनिश्चित करें कि यह ‘हैंड बिल’ प्रत्येक बच्चे व आम नागरिक के पास पहुंचे। आमजन के साथ बच्चों को ट्रैफिक नियमों का पालन करने के प्रति जागरूक किया जाए। सभी प्रकार की बसें जैसे स्कूली बसें, प्राइवेट बसें, के साथ अनुबंधित व संचालित बसें या ट्रक, फोर व्हीलर, टू व्हीलर की नियमित रूप से चेकिंग हो। सभी वाहनों से ट्रैफिक नियमों का पालन सुनिश्चित कराएं।
उत्तर प्रदेश में 2021 में सड़क दुर्घटनाओं में 21,227 मौतें हुई हैं। ओवरस्पीड, ब्लैक स्पॉट, डग्गामार बसें, सड़क पर चल रहीं बेतरतीब टैक्सियां, बस स्टैंड व अवैध पार्किंग स्थल इसके प्रमुख कारण हैं। शहरी व नगरीय क्षेत्रों में सड़क किनारे अतिक्रमण भी कारण है। हमने को इसकी ओवरऑल मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी दी है। गृह विभाग, पुलिस ट्रैफिक सिस्टम को भी ठीक करेगा।