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साइना नेहवाल ने जसप्रीत बुमराह को चुनौती दी, कहा- मेरा स्मैश उनके लिए मुश्किल साबित होगा।

by Nikhil

भारतीय बैडमिंटन स्टार साइना नेहवाल ने हाल ही में भारत में खेल संस्कृति पर क्रिकेट के वर्चस्व के मुद्दे पर अपनी राय साझा की। उन्होंने कहा कि क्रिकेट की तुलना में अन्य खेलों में अधिक शारीरिक ताकत की आवश्यकता होती है। इसके बाद सोशल मीडिया पर क्रिकेट बनाम अन्य खेलों पर बहस छिड़ गई। विवाद तब और बढ़ गया जब केकेआर के खिलाड़ी अंगकृष रघुवंशी ने सोशल मीडिया पर साइना नेहवाल को जसप्रीत बुमराह की 150+ किमी/घंटा की गति वाली गेंद का सामना करने की चुनौती दे डाली। इस टिप्पणी से कई लोग नाराज हो गए, और अंततः अंगकृष रघुवंशी को साइना से माफी मांगनी पड़ी।

साइना नेहवाल ने एक महीने पहले बयान दिया था कि बैडमिंटन, टेनिस और बास्केटबॉल जैसे खेल क्रिकेट की तुलना में अधिक शारीरिक चुनौतीपूर्ण होते हैं। इसके बाद क्रिकेट फैंस, जिसमें कोलकाता नाइट राइडर्स के युवा बल्लेबाज अंगकृष रघुवंशी भी शामिल थे, नाराज हो गए। अंगकृष ने सोशल मीडिया पर एक विवादित पोस्ट करते हुए नेहवाल को जसप्रीत बुमराह की 150 किमी/घंटा की रफ्तार वाली गेंद का सामना करने की चुनौती दी। अंगकृष ने एक्स पर लिखा, “देखते हैं, जब बुमराह उनके सिर पर इतनी तेज गेंद फेंकेंगे, तो उनका प्रदर्शन कैसा होगा।” इस टिप्पणी के बाद, अंगकृष ने सफाई देते हुए कहा कि उनकी पोस्ट सिर्फ एक मजाक थी और उन्होंने साइना से माफी मांगी।

भारत में लंबे समय से क्रिकेट का वर्चस्व कायम है, जो अक्सर अन्य खेलों को दरकिनार कर देता है। 2012 के लंदन ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता साइना नेहवाल देश में क्रिकेट के अलावा अन्य खेलों की भी मुखर समर्थक रही हैं। यही वजह है कि उन्होंने हाल ही में क्रिकेट पर एक और बयान दिया। साइना ने अंगकृष रघुवंशी की उस पोस्ट के संदर्भ में अपनी बात रखी जिसमें उन्हें जसप्रीत बुमराह का सामना करने की चुनौती दी गई थी।

साइना ने शुभंकर मिश्रा के पॉडकास्ट पर कहा, “मैं जसप्रीत बुमराह का सामना क्यों करूंगी? अगर मैं आठ साल से खेल रही होती, तो शायद मैं उनका जवाब देती। अगर जसप्रीत बुमराह मेरे साथ बैडमिंटन खेलते, तो शायद वे मेरे स्मैश को सहन नहीं कर पाते। हमें अपने देश में इन मुद्दों पर आपस में नहीं भिड़ना चाहिए। यही बात मैं पहले भी कह चुकी हूं। हर खेल की अपनी खासियत है, और हमें दूसरे खेलों को भी महत्व देना चाहिए। अगर हम ऐसा नहीं करेंगे, तो हमारी खेल संस्कृति कहां होगी? क्रिकेट और बॉलीवुड हमेशा हमारा ध्यान केंद्रित रहेगा।”