विराट कोहली ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली जा रही टेस्ट सीरीज के पहले ही मुकाबले में शानदार शतक ठोककर ये बता दिया है कि उनका फार्म अब वापस आ गया है। पर्थ टेस्ट की पहली पारी में भले ही उनके बल्ले से रन नहीं निकले, लेकिन दूसरी पारी में उन्होंने नाबाद 100 रन बनाए और अपनी टीम को जीत दिलाने में अहम भूमिका अदा की। अब सीरीज का दूसरा मुकाबला करीब है। कोहली इसके लिए इस वक्त तैयारी में जुटे हैं। कोहली के पास मौका है कि वे अगले मैच में एक और सेंचुरी ठोककर वो काम कर दिखाएं, जो अब तक बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के इतिहास में कभी नहीं हुआ है।
साल 1996 से खेली जा रही है बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी
वैसे भारत और ऑस्ट्रेलिया के लिए टेस्ट सीरीज लंबे अर्से से खेली जा रही है, लेकिन साल 1996 में इसका नाम बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी रखा गया। इसके बाद से अब तक लगातार इसी नाम से सीरीज हो रही है। बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में सबसे ज्यादा शतक लगाने वाले बल्लेबाजों की बात की जाए तो वहां पर सचिन तेंदुलकर का नाम सबसे पहले आता है। सचिन तेंदुलकर ने बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में 65 पारियां खेलकर 9 शतक लगाने का काम किया था। लेकिन अब विराट कोहली उनके बराबर पहुंच गए हैं।
विराट कोहली पहुंचे सचिन तेंदुलकर के बराबर
विराट कोहली ने बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में अब तक 44 पारियां खेलकर 9 शतक लगा दिए हैं। अब जैसे ही कोहली के बल्ले से एक और सेंचुरी आएगी, वे सचिन से आगे निकल जाएंगे। साथ ही उम्मीद इस बात की भी है कि वे सचिन तेंदुलकर से कम पारियों में ही 10 शतक लगा देंगे। इससे पहले कोहली रिकी पोंटिंग की बराबरी पर थे, लेकिन पिछले ही मैच में सेंचुरी ठोककर उनसे आगे निकले हैं। रिकी पोंटिंग ने बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में 51 पारियां खेलकर 8 शतक लगाए थे। स्टीव स्मिथ भी इस लिस्ट में शुमार हैं, जिन्होंने बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में 37 पारियां खेलकर 8 शतक लगाए हैं। वे इस बार की सीरीज में भी खेल रहे हैं। अगर वे भी शतक लगा देते हैं तो वे रिकी पोंटिंग की बराबरी कर लेंगे।
डे नाइट टेस्ट में भारत के लिए शतक लगा चुके हैं कोहली
कोहली के लिए अच्छी बात ये भी है कि ये पिंक बॉल टेस्ट है। भारतीय टीम की ओर से कोहली अकेले ऐसे बल्लेबाज हैं, जो पिंक बॉल टेस्ट में सेंचुरी लगा चुके हैं। हालांकि इस बात को वक्त हो चुका है, लेकिन फार्म में वापस आए विराट कोहली एक और शतक ठोक दें तो कोई बड़ी बात नहीं है। भारतीय टीम के लिए अगला मुकाबला काफी ज्यादा अहम है, क्योंकि भारत को इसी सीरीज को जीतकर विश्व टेस्ट चैंपियनशिप की अपनी राह को आसान करना है।