नई दिल्ली: संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण की शुरुआत सोमवार को हुई, जिसमें विपक्षी दलों ने विभिन्न मुद्दों पर नियम 267 के तहत चर्चा की मांग की। इस दौरान सदन में हंगामा हुआ और जब उनकी मांगों को अनुमति नहीं मिली, तो विपक्षी सदस्यों ने वॉकआउट किया।
नेता सदन और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने विपक्ष के इस रवैये पर नाराजगी व्यक्त की। नड्डा ने कहा कि विपक्ष के सदस्यों को संसद के नियमों का पालन करने के लिए रिफ्रेशर कोर्स कराना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार किसी भी मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन विपक्ष का वॉकआउट एक गैर-जिम्मेदार रवैया है।
जेपी नड्डा ने संसद के नियमों का जिक्र करते हुए बताया कि विपक्ष के सदस्य नियम 267 के तहत नोटिस देते हैं, लेकिन इसके लिए कई बार रूलिंग दी जा चुकी है। उन्होंने कहा कि 8 दिसंबर 2022 और 19 दिसंबर 2022 को राज्यसभा के सभापति ने इसे अस्वीकृत किया था।
नड्डा ने यह भी कहा कि विपक्ष का यह रवैया संस्थाओं को नुकसान पहुंचाने का प्रयास है और संसद की मर्यादाओं को आघात पहुंचाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष यह दिखाने की कोशिश कर रहा है कि सरकार चर्चा नहीं चाहती या जवाब नहीं देना चाहती है।