सिंचाई व मवेशियों की प्यास बुझाने में अब तक अहम भूमिका निभाने वाले मनरेगा तालाबों के अलावा प्रशासन जिले भर में 75 अमृत सरोवर बनवाएगा। शासन से मिले निर्देशों पर अमल करने की नसीहत के साथ मुख्य विकास अधिकारी ने मातहतों को अमृत सरोवर बनाए जाने की रूपरेखा तैयार करने निर्देश दिए हैं। जिला पंचायत को कम से कम पांच और सभी क्षेत्र पंचायतों को कम से कम तीन अमृत सरोवर अपने विकासखंड में बनाने होंगे।
एक अमृत सरोवर कम से कम एक एकड़ में बनाया जाएगा। जिला पंचायत को पांच, 16 क्षेत्र पंचायतों में कुल 48 की अमृत सरोवर की संख्या पूरी होने के बाद शेष 22 ग्राम पंचायतों में बनवाए जाएंगे। मुख्य विकास अधिकारी दिव्यांशु पटेल ने बताया कि अमृत सरोवर बनाए जाने के लिए मनरेगा, केंद्रीय व राज्य वित्त आयोग की धनराशि का प्रयोग किया जाएगा।
अमृत सरोवर बनाए जाने के दौरान ध्यान रखना होगा कि साल भर इनमें बरसात का पानी संरक्षित होना चाहिए। अमृत सरोवर के तट पर व आसपास नीम, पीपल, कटहल, जामुन, बरगद, सहजन, पाकड़ व महुआ आदि के पौधे लगाए जाएंगे। अमृत सरोवर बनाए जाने की कार्ययोजना में जो स्थान सरोवर के लिए चुना जाएगा उसे जीपीएस (ग्लोबल पोजीशङ्क्षनग सिस्टम) से संबद्ध होना चाहिए।
जिन ब्लाक में भूजल की मात्रा कम है वहां अमृत सरोवर बनाए जाने की प्राथमिकता होगी। अमृत सरोवर बनाए जाने के लिए चिन्हित स्थल का भूमि पूजन स्वतंत्रता संग्राम सेनानी व वरिष्ठ नागरिकों करेंगे। अमृत सरोवर बनाए जाने के बाद इनके रखरखाव की जिम्मेदारी ग्राम पंचायतों की होगी। ग्राम पंचायतों को ध्यान रखना होगा कि इन सरोवरों में सीवेज का पानी न जाए।
तालाब में साफ पानी जाए इसके लिए इंट्री प्वाइंट व सिल्ट चैंबर की व्यवस्था होगी। सरोवर में क्षमता से अधिक पानी न भरे इसके लिए जल निकासी की व्यवस्था भी की जाएगी। आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत अमृत सरोवर बनाए जाने की रूपरेखा तैयार किए जाने के बाद इस बात को प्राथमिकता दी जाएगी कि शहीदों व स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के गांव में ही बनाए जाएं।