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विद्युत वितरण निगम के रिश्वत मांगने वाले अधिकारी को किया गया बर्खाश्त

by City Headline

लखनऊ

एक ठेकेदार से मोबाइल फोन पर धन की डिमांड कर रहे मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के निलंबित अधिशासी अभियंता के खिलाफ आरोप तय हो गए। फारेंसिक लैब से अधिशासी अभियंता और ठेकेदार के बीच हुई बातचीत की आवाज का मिलान होने की रिपोर्ट के आधार पर पावर कारपोरेशन ने शनिवार को आरोपी के खिलाफ बड़ी कार्यवाही की। रिश्वत मांगने वाले अधिशासी अभियंता को बर्खास्त कर दिया गया।

गोमतीनगर विद्युत वितरण निगम के तत्कालीन अधिशासी अभियंता विजय शंकर जौहरी और ठेकेदार ओपी सिंह के बीच बातचीत का एक आडियो इंटरनेट मीडिया पर पिछले साल एक अप्रैल को वायरल हुआ था। इस आडियो में विजय शंकर जौहरी ठेकेदार से रुपयों की मांग कर रहे थे। इस पर मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के एमडी ने आराेपी अधिशासी अभियंता को निलंबित कर दिया था।

मामले की जांच के लिए बनी समिति के सामने निलंबित अधिशासी अभियंता ने 16 जून 2021 को ठेकेदार की ओर से इस प्रकरण में उससे कोई संबंध न होने का एक पत्र दिया गया। जबकि अधिशासी अभियंता को जांच समिति ने ऐसे किसी साक्ष्य को एकत्र करने के लिए अधिकृत ही नहीं किया गया था।

अधिशासी अभियंता ने 11 नवंबर 2021 को समिति के सामने बयान दिया कि वायरल ऑडियो में उसकी आवाज नहीं है। इस पर समिति ने आरोपी अधिशासी अभियंता के आवाज की जांच फारेंसिक लैब से कराने का निर्णय लिया। आईएफओ फारेंसिक स्टैंडर्ड एंड रिसर्च कंपनी ने इस साल सात जनवरी को अधिशासी अभियंता के आवाज का नमूना लिया। जिसमें उनके वायरल ऑडियो के शब्दों को ही दोहराया गया।

सीडी में वायरल आडियो और लिये गए आवाज के नमूने का मिलान किया गया। दोनों ही आवाज एक ही व्यक्ति की निकली। जिस पर जांच समिति ने पावर कारपोरेशन को आरोपी अधिशासी अभियंता के खिलाफ जांच के लिए पत्र लिखा। कॉरपोरेशन के अध्यक्ष एम देवराज ने सख्त टिप्पणी करते हुए कार्मिक (अनुशासन एवं अपील) विनियमावली 2020 के अनुसार आरोपी अधिशासी अभियंता विजय शंकर जौहरी को सेवा से बर्खास्त करने का आदेश दिया।

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