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Home VARANASI वाराणसी में गंगा नदी का जलस्तर बढ़ गया है, जिसके कारण 84 घाटों का संपर्क टूट चुका है और पानी अब मंदिरों तक पहुँच चुका है।

वाराणसी में गंगा नदी का जलस्तर बढ़ गया है, जिसके कारण 84 घाटों का संपर्क टूट चुका है और पानी अब मंदिरों तक पहुँच चुका है।

by Nikhil

वाराणसी: विश्व के प्राचीन शहरों में से एक वाराणसी इस समय गंगा के उग्र रूप का सामना कर रहा है। भारी मानसूनी बारिश और बांधों से छोड़े गए अतिरिक्त पानी के कारण गंगा घाटों का दृश्य भयावह हो गया है। बारिश के चलते गंगा के किनारों पर पानी का स्तर 20 फीट से अधिक बढ़ गया है, जिसके चलते प्रशासन ने लोगों को गंगा घाटों के किनारे जाने से मना कर दिया है। गंगा का जलस्तर प्रति घंटे एक सेंटीमीटर की गति से बढ़ रहा है, जिसके कारण घाटों और मंदिरों में पानी भर गया है। भीषण जलभराव की वजह से 84 घाटों का आपसी संपर्क भी टूट गया है।

वाराणसी का मणिकर्णिका घाट बाढ़ के पानी से पूरी तरह जलमग्न हो गया है। शवों का दाह संस्कार करने के लिए जगह की भारी कमी हो रही है। मणिकर्णिका घाट के बारह में से आठ अग्नि केंद्र पानी में डूब चुके हैं, जिसके कारण लोगों को शवदाह घाट की ऊपरी सतह पर शवों का दाह संस्कार करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।

पानी का स्तर बढ़ने के कारण मणिकर्णिका घाट पर शवों के अंतिम संस्कार के लिए भी लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि यदि गंगा का जलस्तर इसी तरह बढ़ता रहा, तो पूरा शहर जलमग्न हो सकता है। लकड़ी व्यापारी नितेश यादव ने बताया, “पिछले दो-तीन दिनों में पानी तेजी से बढ़ा है। पानी की गति भी तेज हो गई है। शवदाह के लिए नीचे के आठ प्लेटफार्म पूरी तरह डूब चुके हैं, और केवल ऊपर का हिस्सा ही बचा है, जहां लोग अपने प्रियजनों का अंतिम संस्कार कर रहे हैं।”

नदियों का जलस्तर काफी ऊंचा हो चुका है। भारी बारिश के कारण देशभर की नदियों का जलस्तर चरम पर पहुंच गया है। जल परियोजनाओं और बांधों की वजह से भी जलस्तर में वृद्धि हुई है। बांधों को खोले जाने के कारण पानी तेज गति से निचले इलाकों में जमा हो रहा है, जिससे देश के कई हिस्सों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है।