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लोकसभा में संविधान पर चर्चा: सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच बढ़ी तकरार

by Suyash Shukla

नई दिल्ली: संविधान के लागू होने के 75 साल पूरे होने के मौके पर शुक्रवार से लोकसभा में दो दिन की संविधान पर चर्चा शुरू हो रही है। इस महत्वपूर्ण मौके पर सत्तारूढ़ बीजेपी और विपक्षी कांग्रेस के बीच श्रेय लेने की होड़ शुरू हो गई है। दोनों दलों ने अपने सांसदों को इस चर्चा में भाग लेने के लिए व्हिप जारी किया है, ताकि वे सदन में मौजूद रहें और इस अवसर का राजनीतिक लाभ उठा सकें।
कांग्रेस की ओर से गुरुवार को लोकसभा स्पीकर को एक पत्र भेजा गया, जिसमें नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने संविधान के 75 साल पूरे होने के मौके पर सदन में चर्चा कराने की अपील की थी। यह पत्र कांग्रेस के पक्ष को और मजबूती देने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। बीजेपी भी इसे एक महत्वपूर्ण अवसर मानते हुए सक्रिय है और वे चाहते हैं कि संविधान के इस ऐतिहासिक अवसर का श्रेय उन्हें मिले।
इस बीच, लोकसभा और राज्यसभा में एक गंभीर विवाद भी उभरा है। राज्यसभा सांसद एस. फांगनॉन पी. कोनयाक ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी उनके पास आकर चिल्लाने लगे और उनकी भाषा धमकी देने वाली थी। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने उनके बहुत करीब आकर नारेबाजी की और उन्हें असहज महसूस कराया। कोनयाक ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा कि राहुल गांधी के व्यवहार से उन्हें धमकी का एहसास हुआ और यह सही नहीं था। इस मामले की शिकायत उन्होंने राज्यसभा के सभापति से भी की है।
नगालैंड की बीजेपी सांसद ने भी इस मुद्दे पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि राहुल गांधी के नजदीक आने से उन्हें असहजता हुई और यह व्यवहार सदन के नियमों के खिलाफ था। उन्होंने कहा कि संसद में ऐसे आक्रामक व्यवहार की कोई जगह नहीं होनी चाहिए। बीजेपी ने कांग्रेस के इस आक्रामक रवैये को असंवैधानिक और असभ्य करार दिया है। कांग्रेस और बीजेपी के बीच इस विवाद ने संसद में पहले ही गरमागरम माहौल को और बढ़ा दिया है, और दोनों दलों के सांसदों के बीच गहमा-गहमी और आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति के संकेत मिल रहे हैं।