नई दिल्ली: संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण में लोकसभा में विपक्षी सदस्यों और केंद्रीय मंत्री के बीच तीखी झड़प देखने को मिली। यह घटना प्रश्नकाल के दौरान हुई, जब डीएमके सांसद ने प्रधानमंत्री श्री कार्यक्रम के तहत स्कूलों को दिए गए फंड को लेकर सवाल उठाया। इसके साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार पर भेदभाव का आरोप भी लगाया।
डीएमके सांसद के सवाल का जवाब देते हुए शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कड़ा विरोध जताया। उन्होंने भेदभाव के आरोप को निराधार और असंवेदनशील बताया। शिक्षा मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार सभी राज्यों के लिए समान रूप से काम कर रही है और किसी भी राज्य के साथ भेदभाव नहीं किया जा रहा है।
धर्मेंद्र प्रधान ने आरोपों का जवाब देते हुए कहा, “हम सबके लिए काम कर रहे हैं और इस तरह के आरोप असंविधानिक और असभ्य हैं।” उन्होंने आगे कहा कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री छात्रों को लेकर राजनीति कर रहे हैं और उन्होंने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी।
इस बीच, विपक्षी दलों के सदस्य नारेबाजी करते हुए विरोध जताते रहे। यह घटना सदन में जबरदस्त हंगामे का कारण बनी, और दोनों पक्षों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चलता रहा।
संसद में इस तरह की घटनाएं अक्सर राजनीतिक माहौल को गर्मा देती हैं, और इस बार भी यह विवाद एक बड़ी चर्चा का विषय बन गया।