लखनऊ
लखनऊ विश्वविद्यालय की पहचान विदेश में तेजी से बढ़ रही है। यही वजह है कि नए शैक्षिक सत्र में यहां से पढ़ाई के लिए भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) के पास करीब पौने छह सौ विदेशी अभ्यर्थी आवेदन कर चुके हैं। इस आंकड़े ने पिछले तीन साल के आवेदन के रिकार्ड तोड़ दिए हैं। अभी आवेदन के लिए 31 मई मौका है। ऐसे में आवेदन की संख्या और बढऩे की उम्मीद है।
बता दें कि हर साल लविवि में विभिन्न देशों के अभ्यर्थी दाखिला लेने आते हैं। वर्तमान में करीब सवा सौ विदेशी छात्र-छात्राएं विभिन्न कोर्सों में पढ़ाई व शोध कार्य कर रहे हैं। इनमें नाइजीरिया, अफगानिस्तान, इंडोनेशिया, केन्या, अमेरिका, श्रीलंका, नामीबिया, रूस, बांग्लादेश समेत कई देश शामिल हैं।
इन विद्यार्थियों के लिए विशेष रूप से अंतरराष्ट्रीय छात्रावास सहित कई सुविधाओं की व्यवस्था है। विदेशी अभ्यर्थियों के दाखिले आईसीसीआर के साथ-साथ सीधे भी लिए जाते हैं। पिछले साल 370 आवेदन आए थे। इस बार संख्या पौने छह सौ पहुंच गई है।
पिछले वर्ष 2019-20 में करीब 150 आवेदन के सापेक्ष 55 विदेशी छात्र-छात्राएं आए थे। 2020-21 में करीब 70-75 विद्यार्थियों ने प्रवेश प्रक्रिया पूरी की। 2021-22 में 370 विदेशी छात्र-छात्राओं ने आवेदन किया था। इनमें सबसे ज्यादा अफगानिस्तान के थे, लेकिन वहां सत्ता परिवर्तन और कोविड की वजह से 69 ही दाखिला लेने आए।
लविवि में सीधे दाखिले के लिए अब तक 36 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। इनमें इराक, अफगानिस्तान, नेपाल, ईरान, बांग्लादेश व जापान के बच्चे शामिल हैं। किसी ने पीएचडी तो कुछ ने एमए इंग्लिश, पालिटिकल साइंस सहित अन्य विषय पढऩे के लिए आवेदन किया है। पिछले साल सिर्फ तीन विदेशी छात्रों ने सेल्फ फाइनेंस कोटे में प्रवेश लिया था।
लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.आलोक कुमार राय ने बताया कि आईसीसीआर के माध्यम से विश्वविद्यालय में दाखिले के लिए अब तक पौने छह सौ विदेशी छात्र-छात्राओं ने आवेदन किया है। पिछले वर्षों की अपेक्षा यह अधिक है। 31 मई तक समय है, इसलिए आवेदन और बढ़ सकते हैं।