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लविवि: प्रो. रविकांत चंदन के समर्थन में उतरा NSUI, ABVP को लेकर कही ये बात

by City Headline

लखनऊ

लखनऊ विश्वविद्यालय में हिन्दी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डा. रविकांत चंदन के समर्थन में आल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन (आईसा), भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (NSUI) व अन्य संगठन भी आ गए हैं। बीते दिनों काशी विश्वनाथ मंदिर पर बयान देने के बाद उनके खिलाफ एबीवीपी ने विरोध प्रदर्शन किया था। इसी विरोध के खिलाफ और समाज के लोकतांत्रिक अधिकारों की सुरक्षा के लिए मंगलवार को छात्र संगठन ने लखनऊ विश्वविद्यालय के गेट नंबर दो के बाहर विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया है।

दोपहर 12 बजे NSUI के विशाल सिंह, आइसा के निखिल सहित अन्य छात्र संगठनों के कार्यकर्ता विश्वविद्यालय के गेट नंबर एक पर धरने के लिए पहुंचे, लेकिन यहां छुट्टी होने की वजह से विश्वविद्यालय का गेट बंद था। साथ ही विरोध की सूचना पर पुलिस बल भी मौजूद रहा। उसके बाद छात्र संगठन गेट नंबर दो पर पहुंच कर बाहर धरने पर बैठ गए। आईसा के संयोजक निखिल उनका कहना है कि लखनऊ विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर रविकांत चंदन एक सजग प्रोफेसर के साथ ही एक मुखर सामाजिक चिंतक व विचारक हैं।

विश्वविद्यालय परिसर में घुसकर एबीवीपी ने उनका विरोध कर अपशब्द कहे हैं। अलोकतांत्रिक व धमकी भरे नारे का प्रयोग कर उन्हें मारने की धमकी दी गयी। हम एबीवीपी के इस आक्रामक प्रदर्शन को असहिष्णुता और बहुसंख्यक सांप्रदायिकता और हिंसा के एक और उदाहरण के रूप में देखते हैं जो पूरे देश में, खासकर भाजपा शासित राज्यों में आदर्श बनता जा रहा है।

यदि हम सभ्य राष्ट्रों के समूह में गिना जाना चाहते हैं, तो ज़रूरत है कि आज साथ खड़े होकर इस असहिष्णुता और बहुसंख्यक साम्प्रदायिकता की राजनीति का मजबूती से विरोध किया जाए। समाज के लोकतांत्रिक अधिकारों व अभिव्यक्ति की आजादी की सुरक्षा की जाए। अन्य छात्र संगठनों एवं नागरिक समाज ने भी शिक्षक के खिलाफ व समाज के लोकतांत्रिक अधिकारों की सुरक्षा के लिए विरोध प्रदर्शन में प्रतिभाग किया।

बीते दिनों हिन्दी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डा. रविकांत चंदन ने एक चैनल पर लेखक पट्टाभि सीता रमैया की लिखित किताब का हवाला देकर काशी विश्वनाथ मंदिर पर बयान दिया था। इसको लेकर बीते 10 मई से लगातार उनका विरोध चल रहा है। हालांकि तमाम संगठन व शिक्षक संघ उनके समर्थन में भी आए हैं।

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