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लखनऊ: यूपी में नए वक्फ कानून को लेकर राजनीतिक गरमा-गरमी

by Suyash Shukla

उत्तर प्रदेश में नए वक्फ कानून को लेकर राजनीतिक माहौल गरमा गया है। राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू की मंजूरी के बाद अब देश का सबसे चर्चित वक्फ संशोधन बिल कानून बन चुका है। इस बिल के कानून बनने के बाद विपक्षी दलों ने इसके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है, जबकि मुस्लिम धर्मगुरु भी इसके विरोध में हैं। इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं भी दाखिल की जा चुकी हैं।

योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर ने इस मुद्दे पर जोरदार प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के इस फैसले का पूरे देश ने स्वागत किया है, खासकर गरीब मुसलमानों ने इसका सबसे ज्यादा स्वागत किया है। उन्होंने विपक्ष और उनके समर्थकों पर आरोप लगाते हुए कहा कि वक्फ कानून के खिलाफ विपक्ष ने मुसलमानों को गुमराह करने और उन्हें सड़कों पर उतारने की पूरी कोशिश की, लेकिन उन्हें कोई समर्थन नहीं मिला। राजभर ने कहा कि यह इस बात का प्रमाण है कि पीएम मोदी द्वारा लाए गए संशोधन को लेकर मुस्लिम समुदाय में स्वीकार्यता कितनी है।

उन्होंने आगे कहा, “रेलवे और सेना के बाद सबसे ज्यादा जमीन वक्फ के पास है, फिर भी देश का मुसलमान गरीब है। इस बिल का उद्देश्य गरीब मुसलमानों का भला करना है, और इसका पूरा देश स्वागत कर रहा है।”

कानून का पालन जरूरी

राजभर ने यह भी कहा कि राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद यह कानून बन चुका है, और अब इसे सभी को पालन करना होगा। उन्होंने समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद रामगोपाल यादव के बयान पर भी पलटवार किया। मंत्री ने कहा कि रामगोपाल यादव को कुछ कहना है, तो वे कुछ न कुछ जरूर कहेंगे, क्योंकि इस मुद्दे पर उनकी दाल नहीं गली है। वे पूरे देश के मुसलमानों को भड़काना चाहते थे, लेकिन वह भी भड़का नहीं पाए।

**क्या नए वक्फ कानून से गरीब मुसलमानों को लाभ होगा?**
– हां, निश्चित रूप से
-नहीं, कोई बदलाव नहीं होगा
-शायद, यह देखा जाना चाहिए

यह मुद्दा अब राजनीति के साथ-साथ सामाजिक और धार्मिक विचारों को भी प्रभावित कर रहा है, और इसके नतीजे आने वाले दिनों में स्पष्ट होंगे।