लखनऊ नगर निगम का बजट तो पास हो गया, लेकिन इसमें जादुई आंकड़े देनदारी का बोझ बढ़ा सकते हैं। व्यय मद बढ़ाने से बजट 223 करोड़ के घाटे में जा रहा था, पर आय मद के हवा-हवाई आंकड़ों से उसे संतुलित किया गया और पचास लाख का बजट बता दिया गया। अगर बजट घाटे का होता तो उसे मंजूरी के लिए शासन भेजा जाता। अब आय बढ़ाना बड़ी चुनौती से कम नहीं है। ऐसा तब है, जब नगर निगम तीन अरब की देनदारी के बोझ से जूझ रहा है और व्यय बढऩे से देनदारी बढ़ती ही जाएगी।
राज्य वित्त आयोग की अनुदान राशि से 545 करोड़ की आय का प्रविधान किया गया है, जबकि पिछले साल कटौती के बाद 406 करोड़ ही मिले थे। यह राशि जलकल महकमे के हिस्से में भी जानी है। शासन ने सख्त आदेश जारी किया है कि राज्य वित्त आयोग की राशि में होने वाली कटौती को लेकर कोई पत्र न लिखा जाए। नगर निगम ने बजट में आय-व्यय के प्रविधान का खाका खींचा था, लेकिन महापौर की अध्यक्षता वाली कार्यकारिणी समिति ने कई बदलाव कर दिए हैं और अब बजट संशोधित किया जा रहा है। अब बजट को सदन में पेश किया जाना है।
बता दें कि 2021-22 में भवन कर से प्रविधानित आय 310 करोड़ के बदले 290 करोड़ वसूले गए थे, जिसमें पुराना बकाया 92 करोड़ शामिल था, जो आने वाले वर्ष में नहीं मिलना है। 2020-21 में भी 270 करोड़ की आय में भी बकाया शामिल था। ऐसे में भवन कर से 330 करोड़ की आय करना आसान नहीं दिख रहा है। वैसे तो नगर निगम की सीमा में 5.82 लाख भवन हैं, लेकिन 3.15 लाख भवनों से ही वसूली हो पाई थी।
आपको बता दें कि शत-प्रतिशत भवनों से वसूली में नगर निगम कभी सफल नहीं रहा। महापौर संयुक्ता भाटिया का कहना है कि नगर निगम अपनी आमदनी को बढ़ाने का पूरा प्रयास करेगा। भवन कर की वसूली में तेजी लाने के साथ ही छूटे भवनों को कर के दायरे में लाया जाएगा। पार्किंग स्थलों पर सुविधाएं देकर उनका संचालन करने से भी नगर निगम की आय बढ़ेगी।
पार्किंग से वसूली दस करोड़ से बढ़ाकर 25 करोड़ कर दी गई है। ऐसा तब है कि शासन ने सड़क पर पार्किंग करने पर रोक लगा दी है। नगर निगम पार्किंग तब ही संचालित कर सकता है, जहां टीन शेड के साथ टायलेट व अन्य सुविधा दे, जो नगर निगम की मौजूदा आर्थिक स्थिति को देखते हुए संभव नहीं है। स्टांप शुल्क से आय को 50 करोड़ से 65 करोड़ कर दिया गया, जबकि यह रकम रजिस्ट्री में स्टांप शुल्क के दो प्रतिशत रकम से होती है। दो साल से स्टांप शुल्क ही नहीं मिल रहा था और इस साल 34 करोड़ ही मिले।
प्रचार शुल्क को सात करोड़ से बढ़ाकर 15 करोड़ कर दिया गया है, जबकि सड़क किनारे होर्डिंग पर रोक लग चुकी है और प्रचार मद में दिसंबर तक 235.59 करोड़ की आय होगी। विस्तारित क्षेत्र में 44 करोड़ का विकास होगा। वहीं चारबाग में महिला बाजार के निर्माण पर सात करोड़ खर्च होगा, जबकि इसका बजट पचास लाख रखा गया था। लक्ष्मण प्रेरणा स्थल का बजट 15 करोड़ और अटल स्मृति उपवन के निर्माण पर तीन करोड़ की लागत आएगी।