लखनऊ की तनुष्का सिंह ने भारतीय वायुसेना में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। 24 वर्षीय फ्लाइंग ऑफिसर तनुष्का, जगुआर फाइटर जेट स्क्वाड्रन में स्थायी रूप से शामिल होने वाली भारतीय वायुसेना की पहली महिला पायलट बन गई हैं। तनुष्का जल्द ही अपने स्क्वाड्रन में ऐक्टिव ड्यूटी के लिए रिपोर्ट करेंगी। सैन्य परिवार से ताल्लुक रखने वाली तनुष्का के परिवार में खुशी का माहौल है और उनके घर बधाई देने वालों का तांता लग गया है। फिलहाल, वह अंबाला एयरबेस कैंप में तैनात हैं।
तनुष्का के दादा देवेंद्र बहादुर सिंह भारतीय सेना के रिटायर्ड कैप्टन और पिता अजय प्रताप सिंह रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल हैं। उनके दादा ने बताया कि बचपन से ही तनुष्का का सपना सशस्त्र बलों में सेवा करने का था, और अब उन्होंने यह सपना पूरा किया है। तनुष्का ने तमिलनाडु स्थित वायुसेना अकादमी में ट्रेनिंग प्राप्त की, जहां उन्होंने हॉक एमके 132 (Hawk MK 132) विमान पर पायलट के रूप में एक साल तक प्रशिक्षण लिया। इसके बाद उन्हें कमिशन मिला और अब वह जगुआर स्क्वाड्रन में शामिल हो रही हैं।
ध्यान देने योग्य बात यह है कि भारतीय वायुसेना में प्रशिक्षण के दौरान कई महिला पायलटों ने जगुआर फाइटर जेट उड़ाया है, लेकिन किसी को भी स्क्वाड्रन में स्थायी रूप से शामिल होने का अवसर नहीं मिला था। तनुष्का सिंह ने यह ऐतिहासिक मील का पत्थर हासिल किया है। जगुआर भारतीय वायुसेना का प्रमुख स्ट्राइक जेट है, जिसे अपनी सटीक हमले की क्षमता के लिए जाना जाता है।