पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने शनिवार को कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सारी हदें पार कर दी हैं। उन्हें सभ्य आचरण के भीतर कार्य करना होगा। बोस ने कहा कि एक मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने अपना सम्मानित सहयोगी मानते हुए उन्हें पूरा आदर और सम्मान दिया। लेकिन उन्हें लगता है कि वह किसी भी को भी धमका सकती हैं और चरित्र लांछन लगा सकती हैं।
बोस ने आगे कहा, मेरा किरदार ममता बनर्जी जैसे लोगों के इशारे पर नहीं चलना है। मेरे स्वाभिमान की हत्या बर्दाश्त नहीं की जाएगी। वह मुझे धमका या डरा नहीं सकतीं। वह उस सीमा तक नहीं बढ़ सकतीं। एक मुख्यमंत्री के रूप में अगर वह मुझसे अलग हैं, तो निश्चित रूप से इसका ध्यान रखने के लिए संवैधानिक प्रावधान हैं। उन्हें झूठ के जरिए चरित्र हनन करने का कोई अधिकार नहीं है। इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती।
वित्तीय संकट का सामना कर रहा पश्चिम बंगाल: राज्यपाल
राज्यपाल ने कहा, यह बहुत परेशान और हैरान करने वाली बात है कि पश्चिम बंगाल वित्तीय संकट का सामना कर रहा है। इसका सार्वजनिक वित्त संकट में है। एक राज्यपाल के रूप में मैंने भारत के संविधान के अनुच्छेद 167 के तहत इस मुद्दे पर चर्चा के लिए मंत्रिमंडल की एक आपातकालीन बैठक बुलाने और राज्य के वित्त पर एक श्वेत पत्र जारी करने के लिए कहा है। बोस ने कहा, मैं मुख्यमंत्री बनर्जी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करूंगा।
वहीं, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री बनर्जी और राज्यपाल बोस के बीच टकराव से पश्चिम बंगाल की छवि खराब हो रही है। चौधरी ने बोस की ओर से कलकत्ता उच्च न्यायालय में बनर्जी के खिलाफ दायर मानहानि मुकदमे पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा लगाए गए आरोप हैरान करने वाले हैं और इसकी जांच होनी चाहिए।
उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री को अपने दावों के समर्थन में सबूत मुहैया कराने चाहिए। उचित तरीके से जांच होनी चाहिए। चौधरी ने कहा कि आरोप लगाने के बजाय निष्पक्ष जांच शुरू की जानी चाहिए और कानून के अनुसार उचित कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने कहा, ये आरोप-प्रत्यारोप पश्चिम बंगाल की छवि खराब कर रहे हैं। यह और कुछ नहीं बल्कि एक शर्मनाक प्रकरण है।