योगी सरकार 2.0 में काफी कुछ बदला-बदला नजर आ रहा है। पहले जहां सड़कों पर जुमे की नमाज अदा की जाती थी। लोगों को आवागमन में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था लेकिन इस बार सरकार की सख्ती के बीच नमाज ईदगाह और मस्जिद के अंदर ही पढ़ी गई। बता दें कि जुमे की नमाज पुलिस सुरक्षा के बीच अदा की गई है।
सामाजिक सौहार्द और भाईचारे की मिसाल पेश करते हुए मुस्लिम समाज ने अलविदा जुमा और ईद की नमाज सड़क पर न पढ़ने का पहले ही फैसला ले लिया था। उलेमाओं ने भी लोगों से सड़क पर नमाज अदा न करने की अपील की थी। शुक्रवार को अलविदा जुमा की नमाज जामा मस्जिद सहित अन्य मस्जिदों में हुई। शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने के लिए प्रशासन ने चौकस इंतजाम कर रखे थे।
बता दें कि एसपी सिटी कार्यालय में शहर के उलमाओं की बैठक हुई थी। इसमें एसएसपी आशीष तिवारी ने सभी को भरोसा दिया कि ईद और अलविदा जुमे पर किसी भी तरह की दिक्कत नहीं आने दी जाएगी। जामा मस्जिद के सचिव सूफी जमील नासिर अबरारी ने कहा के अलविदा जुमा की नमाज सरकारी गाइडलाइन के तहत जामा मस्जिद में कराई गई है। सड़क पर नमाज नहीं पढ़ी गई है।
मस्जिद भर जाने पर लोग अपने घर के नजदीक की मस्जिद में ही नमाज अदा करते नजर आए। ईदगाह कमेटी के सचिव इसरार अहमद खान ने बताया कि ईद की नमाज ईदगाह के साथ ही गांधी पार्क, इस्लामियां इंटर कालेज के अंदर, बाहर मैदान में, छतों पर और डिग्री कालेज की खाली पड़ी जमीन पर पढ़ी गई है। एसपी सिटी मुकेश चंद्र मिश्रा ने बताया कि ईद की नमाज शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुई है।
हालांकि कुछ जिलों में मुस्लिम समाज के लोगों ने इसका विरोध भी किया और कहीं पर इस फरमान का स्वागत भी किया गया। कई जगहों पर सड़कों पर नमाज अता करने की कोशिश गई। सहारनपुर में आज अलविदा जुमा की नमाज मुस्लिम समाज के लोगों ने जामा मस्जिद के अंदर पढ़ी। नमाज होने के बाद कई लोग सड़क पर उतर गए और नारे ए तकबीर, अल्लाह हू अकबर के नारे लगाने लगे।
मुस्लिम समाज के लोगों और पुलिस के समझाने के बाद भीड़ छट गई। बता दें कि मौके पर डीएम, एसएसपी, सीओ सहित कई थाने की पुलिस पहुंच गई थी। वहीं दूसरी मेरठ में पिछले 2 दिनों में 100 से अधिक स्थानों से लाउडस्पीकर उतारे गए हैं और 700 लाउडस्पीकरों की आवाज को कम किया गया है।