फिरोजाबाद। सपा संस्थापक व पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के निधन से उनके पैतृक गांव फिरोजाबाद जिले के गांव इटोली में भी शोक की लहर दौड़ गई है। नेताजी का फिरोजाबाद जिले से भी गहरा लगाव रहा है। वह शिकोहाबाद विधानसभा सीट से चुनाव भी जीते और यह उनकी कर्मस्थली भी रही है।
समाजवादी पार्टी के संस्थापक व उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का निधन होने की खबर से हर कोई स्तब्ध है। मुलायम सिंह यादव का फिरोजाबाद जिले से बेहद लगाव रहा है। इसकी वजह भी साफ है, फिरोजाबाद जिले में उनका पैतृक गांव इटोली है। सैफई से पहले मुलायम सिंह यादव का परिवार फिरोजाबाद जिले के इसी गांव में रहता था। नेता जी के बाबा मेवाराम सैफई जाकर रहने लगे और फिर वहीं मुलायम सिंह यादव के बाकी चाचा और पिताजी सुघर सिंह का जन्म हुआ। उसके बाद मुलायम का जन्म सैफई में हुआ।
नेताजी अक्सर अपने पैतृक गांव इटोली में आते-जाते रहते थे। मुलायम सिंह कई दिनों तक यहाँ पर रुकते भी थे। उन्होंने इसी गांव में रहकर शिकोहाबाद के आदर्श कृष्ण (ए.के.) कॉलेज से पढ़ाई की थी। ग्रामीणों की मानें तो वह गांव इटोली अपने मित्रों के साथ पैदल ही कॉलेज पढ़ाई करने आते थे और वह गांव के युवकों के साथ पशु चराने भी जाते थे। उन्होंने गांव में रहकर कुश्ती भी लड़ी। ग्रामीणों ने बताया कि नेताजी मुलायम सिंह यादव आखिरी बार 2014 में गांव आए थे, जब उनके चचेरे भाई गिरवर सिंह की तबीयत खराब थी।
शिकोहाबाद सीट से जीते और बने सीएम
मुलायम सिंह यादव वर्ष 1993 में फिरोजाबाद जिले की शिकोहाबाद विधानसभा सीट से विधानसभा का चुनाव जीतकर उत्तर प्रदेश के दूसरी बार मुख्यमंत्री बने। जिले में मुलायम सिंह यादव के कई करीबी रिश्तेदार भी रहते हैं। उनके निधन से पैतृक गांव ही नही पूरे जिले में शोक की लहर है। वरिष्ठ पत्रकार राकेश शर्मा कहते हैं कि मुलायम सिंह की इसी खासियत ने उन्हें बड़ा नेता बनाया। वह सबको जोड़कर रखे हुए थे। उनके मुलाकात के बाद लोग उन्हीं के हो जाया करते थे। लोगों से बड़ा अपनत्व रखते थे मुलायम सिंह यादव।