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मानव तस्करी करने वाले रोहिंग्या हाफिज शफीक को किया गया गिरफ्तार, मेरठ के पते पर बनी थी आईडी

by City Headline

म्यांमार से भारत तक मानव तस्करी करने वाले रोहिंग्या हाफिज शफीक का आधार कार्ड और पासपोर्ट मेरठ के पते पर बनाया गया था। एटीएस की जांच में पर्दाफाश होने के बाद दो आइपीएस और दो पीपीएस अफसरों को जांच दे दी गई है। जांच में सामने आया कि हाफिज शफीक के अलावा अन्य चार रोहिंग्या के पासपोर्ट भी कोतवाली और लिसाड़ी गेट थाने की जांच रिपोर्ट के बाद तैयार किए गए।

उनका पासपोर्ट फर्जी दस्तावेज को आधार बनाकर तैयार किया गया है। सवाल है कि आधार कार्ड कैसे बनाया गया था? मामला लखनऊ तक गूंजा तो पुलिस और प्रशासनिक अफसर ने टीम गठित कर जांच शुरू कर दी है। लखनऊ एटीएस (आतंकवाद निरोधक दस्ता ) ने जून 2021 में म्यांमार से मानव तस्करी करते हुए रोहिंग्या हाफिज शफीक, मुफज-उर-रहमान, अजीज-उर-रहमान और मोहम्मद इस्माइल को गिरफ्तार किया था, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हवाला कारोबार और म्यांमार से भारत तक मानव तस्करी करते थे।

यह गिरोह फर्जी आधार कार्ड और वोटर कार्ड बनवाकर पासपोर्ट बनवाते थे और फिर भारतीय पहचान पत्र दिखाकर म्यांमार के युवकों को भारत में फैक्ट्रियों में काम दिलाते थे। एटीएस की जांच में सामने आया कि हाफिज शफीक मेरठ में लिसाड़ीगेट थाने के फकरुद्दीन गली में रहता था और मेरठ के पते पर ही पासपोर्ट तैयार हुआ था। हाफिज शफीक की जांच के बाद सामने आया कि मेरठ में रोहिंग्या अबू आलम निवासी नया मकान अहमद नगर लिसाड़ी गेट, उसका बेटा मोहम्मद अजीज, रिहाना पुत्री मोहम्मद हसन निवासी जाटव स्ट्रीट बनियापाड़ा कोतवाली और रोमिना पुत्री मोहम्मद उल्ली निवासी करमअली जाटव गेट कोतवाली का भी आधार कार्ड और पासपोर्ट मेरठ से तैयार हुआ था।

बता दें कि इन सभी पासपोर्ट की जांच सीओ कोतवाली, सीओ किठौर, एएसपी ब्रह्मपुरी और एएसपी कैंट को दी गई है। पासपोर्ट कागजात की जांच करने वाले कई दारोगा के बयान भी हो चुके हैं। माना जा रहा है आधार कार्ड को आधार बनाकर पासपोर्ट तैयार किए गए थे। रोहिंग्या दस सालों से शहर के बीच में रह रहे थे। कोतवाली और लिसाड़ी गेट थाने को इसकी खबर तक नहीं थी। लखनऊ में एटीएस द्वारा गिरफ्तारी के बाद मामला प्रकाश में आया है। तब आधार कार्ड और पासपोर्ट की जांच शुरू हुई थी।

क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी सु्ब्रतो हाजरा ने बताया कि पासपोर्ट कार्यालय का काम कागजात देखना है, यह कागजात फर्जी है, या सही इसकी जांच करना पुलिस की जिम्मेदारी है। रोहिंग्या के पासपोर्ट भी पुलिस की लापरवाही का ही हिस्सा हो सकते हैं। एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने कहा है कि हाफिज शफीक और उसके साथी फर्जी दस्तावेजों से पासपोर्ट बनवाते थे, जिस कारण जनपद के पासपोर्ट उनके पास से मिले थे। उन सभी की जनपद स्तर पर जांच की जा रही है।

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