जकार्ता । माउंट सेमेरू ज्वालामुखी में भयानक विस्फोट के बाद तेज़ी से बह रहा लावा थम नहीं रहा। जहाँ ज्वालामुखी है उसके आसपास के इलाकों में गर्म राख और गैस के गुबार छा गए हैं।
इंडोनेशिया के सबसे ऊंचे ज्वालामुखी माउंट सेमेरू कुछ दिनों से सुलग रहा था। बारिश के कारण लावा डोम टूटने से वह तेजी से सक्रिय हो गया। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एजेंसी के प्रवक्ता अब्दुल मुहारी ने कहा कि ज्वालामुखी से निकलने वाली राख से छह गांव ढक गए हैं। अब तक किसी के मरने की सूचना नहीं है। सैकड़ों निवासी सुरक्षित स्थान पर पहले ही चले गए हैं। धुआं और राख से आसमान काला हो गया है। दिन में भी लोगों को लाइट जलाकर रहने पर मजबूर होना पड़ रहा है। राहत एवं बचाव कार्य जारी है।
माउंट सेमेरू दक्षिणपूर्व स्थित जावा में है। यहां 121 ज्वालामुखी हैं। यह कई सालों से सक्रिय हैं। इनमें से माउंट सेमेरू सबसे खतरनाक और ऊंचा ज्वालामुखी है। यह ज्वालामुखी इस वक्त आग की लपटों से धधक रहा है। पिछले साल माउंट सेमेरू में विस्फोट होने से 51 लोगों की मौत हो गई थी। 10 हजार लोगों को अपना घर छोड़कर दूसरी जगह पर रहना पड़ा था।
इस ज्वालामुखी के डेंजर जोन में इस समय 3 हजार मकान हैं। माउंट सेमेरू के विस्फोट के बाद से राख और धुंआ पांच हजार फीट की ऊंचाई तक आसमानों में फैल गया है। धरती पर 1500 सक्रिय ज्वालामुखी में सबसे ज्यादा खतरनाक ज्वालामुखी इंडोनेशिया में ही है।