राजधानी के मोरहाबादी मैदान में सहायक पुलिसकर्मियों का आंदोलन समाप्त हो गया है। सहायक पुलिसकर्मी विभिन्न मांगों को लेकर दो जुलाई से धरने पर बैठे थे। उनका आंदोलने शुक्रवार की देर रात समाप्त हुआ।
झारखंड सहायक पुलिस प्रदेश संगठन के अध्यक्ष अविनाश द्विवेदी और सचिव विवेकानंद गुप्ता ने शनिवार को बताया कि झारखंड सरकार ने हमारी कई मांगों पर सहमति जताते हुए उसे कैबिनेट से पास कर दिया, जिसके बाद हमलोगों ने अपना आंदोलन 67वें दिन खत्म करने की घोषणा की है। कैबिनेट के फैसले के अनुसार, अब सहायक पुलिसकर्मियों को 13 हजार रुपये वेतन मिलेगा। सरकारी की ओर से वर्दी भत्ते के रूप में उन्हें चार हजार रुपये दिया जायेगा। साथ ही सहायक पुलिसकर्मी भी अब अवकाश ले सकेंगे। विवेकानंद ने कहा कि मुख्यमंत्री का आभार जताकर हम सभी पुलिसकर्मी अपने-अपने जिले लौट जाएंगे।
इन पांच मुख्य बिंदुओं पर बनी सहमति
– मानदेय में 30 फीसदी की बढ़ोतरी
– एक साल का अवधि विस्तार
– होमगार्ड और वन आरक्षी की बहाली रिजर्वेशन पर
– सिपाही की तर्ज पर मिलेगी छुट्टी
– सिपाही की तरह सालाना 4 हजार रुपये भत्ता मिलेगा
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उल्लेखनीय है कि झारखंड पुलिस में समायोजन की मांग को लेकर मोरहाबादी मैदान में धरना दे रहे सहायक पुलिसकर्मी 19 जुलाई को मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने निकले थे। इस दौरान उनपर झारखंड पुलिस ने लाठीचार्ज किया था। सहायक पुलिसकर्मियों की बहाली दस हजार रुपये के मानदेय पर राज्य के 12 जिले गढ़वा, पलामू, लातेहार, चतरा, लोहरदगा, गुमला, सिमडेगा, खूंटी, पूर्वी व पश्चिमी सिंहभूम, दुमका और गिरिडीह में हुआ था। लगभग 2300 पुलिसकर्मी आंदोलनरत थे।