नई दिल्ली: भारत ने पिछले पांच वर्षों में 93,000 टन से अधिक इन-सीटू यूरेनियम संसाधनों की पहचान की है, जिसमें आंध्र प्रदेश और झारखंड में हुई प्रमुख खोज शामिल हैं। यह जानकारी केंद्रीय परमाणु ऊर्जा राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
जितेंद्र सिंह के अनुसार, 2020 से 2025 (दिसंबर 2024 तक) के बीच एटॉमिक मिनरल्स डायरेक्टोरेट फॉर एक्सपोलेरेशन एंड रिसर्च (एएमडी) ने चार राज्यों में कुल 93,700 टन इन-सीटू यूरेनियम ऑक्साइड संसाधनों में वृद्धि की सूचना दी है।
आंध्र प्रदेश में सबसे अधिक यूरेनियम की खोज
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आंध्र प्रदेश में 60,659 टन के साथ सबसे ज्यादा यूरेनियम पाया गया, इसके बाद झारखंड में 27,156 टन यूरेनियम का भंडार है। राजस्थान और कर्नाटक में भी छोटे भंडारों की पहचान की गई है।
इसके अलावा, जितेंद्र सिंह ने बताया कि देश में यूरेनियम की मौजूदा इकाइयों की क्षमता विस्तार और नई उत्पादन सुविधाओं (खानों और संयंत्रों) के निर्माण के लिए 13 परियोजनाओं को सैद्धांतिक मंजूरी दी गई है।