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‘भगवान परोस कर भी छीन लेता है’, विनेश फोगाट की हार पर भावुक हुईं बहन बबीता फोगाट

by Mansi

बबीता फोगाट ने कहा कि विनेश के डिसक्वालिफाई होने की घटना पर भरोसा नहीं हो पा रहा है. विनेश ने पहले (मंगलवार को) जो मैच खेला, वह 50 किलोग्राम भारवर्ग में ही लड़ी थी. उन्होंने कहा कि पेरिस ओलंपिक को अपने नियम में बदलाव करना चाहिए. विनेश फाइनल में पहुंच गई थी तो उसे कम से कम सिल्वर मेडल तो मिलना चाहिए
ओलंपिक संघ ने विनेश फोगाट को 50 किलो वर्ग में महिला कुश्ती का फाइनल मुकाबला खेलने के अयोग्य ठहरा दिया है. विनेश के डिसक्वालिफाई होने पर भारतीय रेसलर और विनेश की बहन बबीता फोगाट ने कहा कि ये सब देखकर बहुत दुख हो रहा है. हमारा एक मेडल तो पक्का था. विनेश ने वजन घटाने की बहुत कोशिश की थी. लेकिन विनेश की हेल्थ का भी ध्यान रखना था, और वेट भी लूज करना था. इसे लेकर पूरे स्टाफ ने प्रयास किया. लेकिन आज विनेश और पूरे देश के लिए बैड लक था. उन्होंने कहा कि भगवान परोस कर भी छीन लेता है.

बबीता ने कहा कि विनेश के डिसक्वालिफाई होने की घटना पर भरोसा नहीं हो पा रहा है. विनेश ने पहले (मंगलवार को) जो मैच खेला, वह 50 किलोग्राम भारवर्ग में ही लड़ी थी. उन्होंने कहा कि पेरिस ओलंपिक को अपने नियम में बदलाव करना चाहिए. विनेश फाइनल में पहुंच गई थी तो उसे कम से कम सिल्वर मेडल तो मिलना चाहिए.

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रेसलर बबीता ने कहा कि अगर कल ही विनेश का वजन नहीं आया होता तो हम मान लेते कि वह पार्टिसिपेट नहीं कर सकती. उसने तीन से चार बाउट जीती है. अगर वह फाइनल फाइट नहीं लड़ सकती तो उसे सिल्वर देना चाहिए.

विनेश के वजन को लेकर विनेश का जो वजन था वो 50 किलो था, वह वजन घटाकर ही फाइट लड़ी थी. बिना खाए बाउट लड़ नहीं सकती थी, क्योंकि डिहाइड्रेशन का डर था, हम जो पानी पीते हैं वो भी शरीर के अंदर रहता है. ऐसे में वजन बढ़ जाता है. अगर कोई खिलाड़ी वहां तक पहुंचा है तो भले ही जीतने के लिए नहीं खेलने देते लेकिन मेडल तो देना ही चाहिए. विनेश जितनी मेहनत कर सकती थी, उसने की, पूरा स्टाफ भी पूरी रातभर वजन घटाने के प्रयास में लगा रहा था.