बेंगलुरु। रात भर हुई मूसालाधार बारिश के कारण बेंगलुरु में कई इलाकों में पानी भर गया। राहत कार्यों के लिए नौकाओं तथा ट्रैक्टरों को लगाना पड़ा। शहर में अनेक झील, तालाब और नाले लबालब भरे हैं। निचले इलाकों में घरों में पानी भर गया है, जिससे सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ है। बाढ़ग्रस्त सड़कों पर गुजरने और अपने गंतव्य तक पहुंचने में बेंगलुरु वासियों को बहुत मशक्कत करनी पड़ी। हवाई अड्डा भी जलभराव से अछूता नहीं रहा। वहीं एक मामले में युवती अखिला पानी में स्कूटी फंस जाने के बाद वहां से निकलने की कोशिश में करंट की चपेट में आ गई। पानी में करंट से छटपटाती अखिला ने वहीं दम तोड़ दिया। लोगों ने कथित कुप्रबंधन के खिलाफ गुस्सा जाहिर किया है।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने बेंगलुरू में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के बीच सोमवार रात कहा कि सरकार ने शहर में बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए 300 करोड़ रुपये जारी करने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री ने रात में वरिष्ठ मंत्रियों और अधिकारियों के साथ एक बैठक की अध्यक्षता की। जिसमें राज्य, विशेष रूप से राजधानी के शहरी क्षेत्र में बारिश और बाढ़ की स्थिति और इससे हुए नुकसान का जायजा लिया गया। बोम्मई ने कहा कि सड़क, बिजली के खंभे, ट्रांसफार्मर व स्कूल आदि जैसे क्षतिग्रस्त बुनियादी ढांचे को बहाल करने के लिए 300 करोड़ रुपये अकेले बेंगलुरु के लिए रखे गए हैं।
सामान्य से 150 प्रतिशत अधिक बारिश हुई
मुख्यमंत्री बोम्मई ने कहा कि 1-5 सितंबर तक शहर के कुछ हिस्सों में सामान्य से 150 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है। वहीं महादेवपुरा, बोम्मनहल्ली और केआर पुरम क्षेत्रों में सामान्य से 307 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है। यह पिछले 32 वर्षों 1992-93 की तुलना में सबसे अधिक वर्षा है। उन्होंने कहा कि बेंगलुरु में 164 झीलों को जोड़ने से पानी भर गया है।
लोग सोशल मीडिया में कर रहे गुस्से का इजहार
लोगों ने ट्विटर पर अपनी नाराजगी जाहिर की। इसी तरह के एक पोस्ट में एक वीडियो जारी किया गया, जिसमें लोगों को शहर के हवाई अड्डे के प्रवेश द्वार पर पानी के बीच में से गुजरते देखा जा सकता है। जाने-माने आईटी उद्यमी मोहन दास पई ने ट्विटर पर एक वीडियो डाला है और शीर्षक दिया है कृपया बेंगलुरु को देखिए। इस वीडियो में भगवान गणेश की वेशभूषा में एक व्यक्ति घुटनों तक पानी में जा रहा है और पीछे सड़क पर रेंगते हुए वाहन देखे जा सकते हैं। एक अन्य व्यक्ति ने लिखा कि वह आउटर रिंग रोड पर पांच घंटे तक फंसा रहा।
सरजापुर रोड पर रैंबो ड्राइव लेआउट और सनी ब्रूक्स लेआउट समेत कुछ इलाकों में जलभराव की ऐसी स्थिति है कि सुबह के समय छात्रों और दफ्तर जाने वालों को निकालने के लिए नौकाओं तथा ट्रैक्टरों का इस्तेमाल करना पड़ा। आउटर रिंग रोड पर अनेक इलाकों से खबरें हैं कि बारिश और बाढ़ की वजह से अनेक आईटी कंपनियों का कामकाज भी प्रभावित हुआ है। एक नाराज व्यक्ति ने ट्वीट किया, सरकार तब तक कुछ नहीं करेगी जब तक कि आईटी कंपनियां शहर से बाहर नहीं चली जातीं। जब तक उनका राजस्व प्रभावित नहीं होता।
बेंगलुरु में पानी में गिरी लड़की, मदद के लिए चिल्लाती रही, करंट लगने से मौत
बेंगलुरु में भारी बारिश के बीच एक दर्दनाक हादसा हो गया। एक 23 साल की युवती की स्कूटी से गिरने के बाद करंट लगने से मौत हो गई। युवती का नाम अखिला था और वह एक स्कूल में काम करती थी। रात में करीब 9ः30 बजे वह घर लौट रही थी, तभी पानी से भरी सड़क में उसकी स्कूटी ने जवाब दे दिया। जलभराव इतना ज्यादा था कि स्कूटी आगे नहीं बढ़ रही थी। ऐसे में अखिला स्कूटी से उतर गई और पैदल ही चलने लगी। अचानक गड्ढे में पैर पड़ने से वह फिसल गई। पास में ही बिजली का खंभा था। सहारे के लिए जैसे ही अखिला ने खंभा पकड़ा, उसे करंट लग गया।
मदद के लिए चिल्लाती रहीं
करंट से छटपटाती मदद के लिए चिल्लाती रही लेकिन किसी की हिम्मत पानी में उतरने की नहीं हुई। जब तक बिजली के तार काटे गए, तब तक अखिला दम तोड़ चुकी थीं। उसे अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने बताया कि आधा घंटा पहले ही उसकी मौत हो चुकी है। इस घटना के बाद लोगों में प्रशासन के खिलाफ गुस्सा और भी बढ़ गया है।
परिवार ने ठहराया प्रशासन को जिम्मेदार
अखिला के परिवार ने स्थानीय निकाय प्रशासन और बीबीएमपी के साथ शहर के इलेक्ट्रिसिटी मैनेजिंग बोर्ड को जिम्मेदार ठहराया है। उनका कहना है कि अगर इस संकट के समय बिजली के मामले में लापरवाही ना बरती गई होती तो आज अखिला की जान ना जाती। यह घटना वाइटफील्ड इलाके की है। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि इस मामले में कोई केस दर्ज किया गया है या नहीं। अखिला की बहन आशा ने बताया कि अखिला ग्रैजुएट थी और वह एक संगीत विद्यालय में नौकरी करती थी। उनका भाई दिव्यांग है, इसलिए अखिला परिवार के लिए बेटे की तरह थी। वह परिवार की जिम्मेदारी उठाती थी। इस मामले में बीबीएमपी के आयुक्त तुषार गिरिनाथ ने कहा कि अखिला की मौत दुर्भाग्यपूर्ण है। इस मामले की जांच की जा रही है।
बेंगलुरु में नहीं है ऐसा पहला मामला
बेंगलुरु में पिछले कुछ ही महीने में इस तरह के चार मामले सामने आ चुके हैं। इससे पहले 21 साल के वसंत की भी जान करंट लगने की वजह से चली गई थी। वह सड़क पर लटकते तार की चपेट में आ गए थे। वहीं 22 साल के किशोर जब फुटपाथ पर टहल रहे थे, तभी वह पोल के पास तार की चपेट में आए और करंट लगने से मौत हो गई। इसी तरह एक 30 साल के और एक 40 साल के शख्स की भी अचानक करंट लगने से मौत हो गई थी।
बाढ़ को लेकर सियासत
बेंगलुरु की बाढ़ को लेकर सियासत भी तेज हो गई है। मुख्यमंत्री बोम्मई ने इस संकट के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि पहले की सरकार ने उचित प्रबंध नहीं किए। कुशासन की वजह से निचले इलाकों में अवैध रूप से लोग बसे। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन इलाकों में वॉटर टैंक छोटे हैं, वहां ओवरफ्लो हो रहा है।