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Home Politics बृजेश सिंह, राज्यमंत्री ने मायावती पर एक तीखा टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि यह नहीं केवल विधायकों की जिम्मेदारी है, बल्कि वे भी अब उत्तर प्रदेश को ‘बेस्ट’ बनाने के लिए अपना योगदान देंगे

बृजेश सिंह, राज्यमंत्री ने मायावती पर एक तीखा टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि यह नहीं केवल विधायकों की जिम्मेदारी है, बल्कि वे भी अब उत्तर प्रदेश को ‘बेस्ट’ बनाने के लिए अपना योगदान देंगे

by Nikhil

राज्यमंत्री बृजेश सिंह ने अमरोहा में बताया कि भाजपा ने सीएए लागू करने के साथ ही जनसंख्या नियंत्रण कानून को भी लाने का फैसला किया है। उन्होंने साफ़ किया कि देश का चलन शरीयत पर नहीं, बल्कि संविधान के आधार पर होगा। वे ओवैसी के तर्क को खारिज करते हुए कहते हैं कि भारत की लोकसभा और राज्यसभा में पारित नियमों के ही अनुसार देश का चलन होगा।

पीडब्ल्यूडीआई विभाग के राज्यमंत्री बृजेश सिंह ने सोमवार को अमरोहा में भाजपा कार्यालय में प्रेसवार्ता के दौरान बयान दिया। उन्होंने उज्ज्वलता के साथ कहा कि हम सीएए को लागू करेंगे और जनसंख्या नियंत्रण कानून भी प्रस्तुत करेंगे। उन्होंने मुस्लिम समाज को स्वतंत्रता से सामने आने और इसे समझने की आवश्यकता बताई। यह सभी समझदारी की बातें हैं। उन्होंने पूछा कि क्या नियमों और कानूनों का अनुपालन केवल भारत में ही जरुरी है, और मुस्लिम देशों में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड क्यों नहीं होता। उन्होंने पूछा कि क्या शरीयत और मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड भारत के लिए ही बनाए गए हैं। उन्होंने सरकार के निश्चित योजना का संकेत दिया कि वे दो चाइल्ड पॉलिसी को भी लागू करेंगे।

विकास के मामले में किसी भी देश के लिए जनसंख्या को नियंत्रित करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस संदर्भ में, राहुल गांधी ने एक तंज के रूप में उदाहरण दिया कि कांग्रेस राजनीतिक मंचों और राजनीतिक पटलों से गायब हो गई है। वह कहते हैं कि राहुल गांधी की किस्मत यह है कि उनकी पार्टी उनके नेतृत्व में इतनी ऊंचाइयों तक पहुंच गई है।

देश ने परिवारवाद को पूरी तरह से अस्वीकार कर लिया है और विकासवाद के मार्ग पर अग्रसर हो गया है। अगर राहुल गांधी ने हमारे संकल्प पत्र को झूठा बताया है, तो वह स्पष्ट करें कि उन्हें किस दिशा में ले जाना है – कांग्रेस की या मुस्लिम लीग की। मायावती की बेस्ट यूपी को अलग प्रदेश बनाने के मुद्दे पर उनके विचारों को लेकर उन्होंने बताया कि उनकी पार्टी में एक विधायक है, और पिछले चुनावों में बुआ-भतीजे के संघर्ष से यह स्पष्ट हो गया है कि उनकी दलिती प्रासंगिकता को ध्यान में रखा जाए। उन्होंने राहुल-अखिलेश के गठबंधन की टिप्पणी की और कहा कि उत्तर प्रदेश की जनता ने 2017 के चुनाव में दो लड़कों की जोड़ी को देख लिया है, और इस बार उन्हें अनुभव के आधार पर विचारना चाहिए। उन्होंने भाजपा सरकार के घोषणा पत्र को पढ़कर अपने विचार प्रकट किए।