लखनऊ
मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के हेल्पलाइन नंबर 1912 पर उपभोक्ताओं की समस्याओं का निस्तारण भले हो जाता हो, लेकिन उपभोक्ताओं का फीडबैक लेकर उन्हें संतुष्ट करना बेहद जरूरी है। वर्तमान में इस पर फोकस तो था, लेकिन ग्राफ 85 से 90 फीसद के भीतर ही रहता था। अब इस ग्राफ को बढ़ाने के लिए मध्यांचल एमडी अनिल ढींगरा ने साफ्टवेयर में बदलाव करने के साथ ही उपभोक्ताओं को संतुष्ट करने के लिए अधिशासी अभियंता स्तर के अफसर को लगाया गया है।
समस्या चाहे जो हो, उसे उपभोक्ता के हिसाब से पांच दिन में हल करके उपभोक्ता को संतुष्ट करना होगा। यही नहीं पीक टाइम यानी शाम से देर रात तक अधिशासी अभियंता या फिर उपखंड अधिकारी सेंटर में रहेंगे। बिजली व्यवस्थाएं सुधारने के लिए यह एक नई पहल शुरू की गई है। अमूमन बिजली उपकेंद्रों में फाल्ट आने के बाद समस्या कब तक दूर होगी, इसकी सही जानकारी उपभोक्ता को नहीं मिल पाती है।
ऐसी जानकारियां हेल्पलाइन नंबर 1912 पर मिलती हैं। इसलिए हेल्पलाइन नंबर को और सक्रिय करने के साथ ही इसकी जवाबदेही को बढ़ाने का काम शुरू कर दिया गया है। ऊर्जा मंत्री एके शर्मा द्वारा जारी निर्देशों के बाद यह कदम उठाया गया है। मध्यांचल एमडी अनिल ढींगरा ने बताया कि शाम को छह से रात डेढ़ बजे के आसपास सबसे ज्यादा फोन काल आती हैं।
इस दौरान समस्या तो हल हो जाती है, लेकिन उपभोक्ता उससे कितना संतुष्ट है, उसका फीडबैक बेहद जरूरी है। इस काम के लिए कई अवर अभियंता लगाने के साथ ही उपखंड अधिकारी और अधिशासी अभियंता इस हेल्पलाइन नंबर को देख रहे हैं। मध्यांचल के अंतर्गत उन्नीस जिले आते हैं। जिनमें- लखनऊ, रायबरेली, सीतापुर, बाराबंकी, श्रावस्ती, उन्नाव, हरदोई, बदायू, बरेली, शाहजहांपुर, पीलीभीत, लखीमपुर, बहराइच, बलरामपुर, गोंडा, फैजाबाद, अंबेडकरनगर, अमेठी और सुलतानपुर हैं।