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फ्रांस की कंपनी ने दिखाया ‘आत्मनिर्भर भारत’ पर भरोसा, समुद्री रक्षा क्षेत्र में भारतीय नौसेना के साथ संबंधों पर जताई प्रतिबद्धता

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भारत अपने सैन्य क्षेत्र (India Defence Sector) को ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान के तहत और विकसित करने की योजना पर काम कर रहा है. इसके लिए देश में बने विभिन्न रक्षा उत्पादों के इस्तेमाल और रक्षा खरीद (Defence Deal) को बढ़ाने का काम किया जा रहा है. इस बीच फ्रांस (France) की कंपनी नेवल ग्रुप (Naval Group) ने मंगलवार को समुद्री रक्षा क्षेत्र के लिए आत्मनिर्भर भारत की योजनाओं के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्धता जताई है. उसने समान द्विपक्षीय विश्वास और रणनीतिक संबंधों को भी साझा किया है.

फ्रांस की कंपनी ने इस संबंध में ट्वीट भी किया है. उसने इसमें कहा है, ‘हम अपनी मौजूदा प्रतिबद्धताओं और उद्योग व भारतीय नौसेना के साथ गहरे संबंधों को मजबूत करना जारी रखते हैं. जैसे कि भारतीय नौसेना की पनडुब्बियों में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) की एआईपी जैसी स्वदेशी तकनीक के एकीकरण पर ध्यान केंद्रित करना.’

पी-75आई परियोजना के लिए जता चुकी असमर्थता

कंपनी की ओर से दोनों देशों के बीच संबंधों को बेहतर करने को लेकर यह बयान तब आया है, जब नेवल ग्रुप ने मंगलवार को कहा था कि भारत सरकार की पी-75आई परियोजना में भाग लेने में वह असमर्थ है और इसकी वजह एयर इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन (एआईपी) प्रणाली से संबंधित प्रस्ताव के लिए अनुरोध में लिखी शर्तें हैं. इस परियोजना के तहत भारतीय नौसेना के लिए 6 परंपरागत पनडुब्बियों का निर्माण घरेलू स्तर पर किया जाना है.

@navalgroup is fully committed to #AatmaNirbharBharat in naval defence share same bilateral trust strategic ties as cherished between our governments
We continue to strengthen our existing commitments and close association with industry @indiannavy

— Naval Group IN (@navalgroup_IN) May 3, 2022

पीएम मोदी आज करेंगे फ्रांसीसी राष्ट्रपति से मुलाकात

नेवल ग्रुप ने यह घोषणा ऐसे समय में की है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को पेरिस की यात्रा करेंगे और हाल में पुन: निर्वाचित फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों से मुलाकात करेंगे. एआईपी प्रणाली एक पारंपरिक पनडुब्बी को अधिक समय तक उच्च गति पर पानी में डूबे रहने की अनुमति देती है.

जून में परियोजना को दिखाई थी हरी झंडी

रक्षा मंत्रालय ने पिछले साल जून में पी-75आई परियोजना को हरी झंडी दी थी और आरएफपी जारी कर दो भारतीय कंपनियों का चयन किया था, जिनमें निजी कंपनी लार्सन एंड टूब्रो और सरकारी क्षेत्र की माझगांव डॉक लिमिटेड हैं. रक्षा मंत्रालय के अनुसार इन दोनों भारतीय कंपनियों को पांच चयनित विदेशी कंपनियों में से एक के साथ साझेदारी करनी है. इनमें फ्रांस का नेवल समूह भी है.

कंपनी ने कही थे ये बात

नेवल ग्रुप इंडिया के प्रबंध निदेशक लॉरेंट विदीयू ने मंगलवार को एक बयान में कहा था, आरएफपी में कुछ शर्तों के कारण दोनों रणनीतिक साझेदार हमें और कुछ अन्य विदेशी मूल उपकरण निर्माता (एफओईएम) को अनुरोध प्रेषित नहीं कर सके और इसलिए हम परियोजना के लिए आधिकारिक रूप से बोली लगा पाने में सक्षम नहीं हैं.उनका कहना है कि नेवल ग्रुप पूरी तरह आत्मनिर्भर भारत के सिद्धांत के अनुरूप भारतीय नौसेना की पी75आई परियोजना के लिए सर्वश्रेष्ठ समाधान प्रदान करने के लिए हमेशा तैयार रहा है.

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