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फास्ट ट्रैक कोर्ट में 30 मई को होगी ज्ञानवापी शृंगार गौरी मामले की सुनवाई

by City Headline

वाराणसी

ज्ञानवापी शृंगार गौरी प्रकरण में विश्व वैदिक सनातन संघ की अंतरराष्ट्रीय महामंत्री किरन सिंह की ओर से दाखिल मुकदमे की सुनवाई अब सिविल जज (सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक) महेन्द्र कुमार पांडेय के कोर्ट में होगी। भगवान आदि विश्वेश्वर विराजमान के नाम से सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत में दाखिल मुकदमे को बुधवार को स्थानांतरित कर दिया गया। फास्ट ट्रैक कोर्ट में 30 मई को सुनवाई होगी।

मंगलवार को किरन सिंह ने मुकदमा दाखिल करते हुए मांग की थी कि ज्ञानवापी परिसर में मुस्लिम पक्ष का प्रवेश तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित किया जाए। साथ ही पूरा ज्ञानवापी परिसर हिंदुओं को सौंपा जाए। भगवान आदि विश्वेश्वर स्वयंभू ज्योर्तिलिंग प्रकट हो चुके हैं तो उनकी पूजा-अर्चना शुरू करने की अनुमति दी जाए। अदालत ने प्रार्थना पत्र को स्वीकार करते हुए मामले की सुनवाई के लिए 25 मई की तिथि तय की थी। जिला जज के आदेश पर मुकदमे को सिविल जज (सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक) की अदालत में स्थानांतरित कर दिया गया।

ज्ञानवापी शृंगार गौरी प्रकरण में मुकदमे की पोषणीयता पर सुनवाई 26 मई से जिला जज डा. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में होगी। वादी और प्रतिवादी पक्ष की ओर से इसकी जोरदार तैयारी चल रही है। दोनों ओर से दिए जाने वाले साक्ष्यों और दलीलों से मुकदमे का अस्तित्व तय हो पाएगा। प्रतिवादी पक्ष यह साबित करने में सफल रहा कि मुकदमा पोषणीय नहीं है तो अभी तक हुई सारी कार्यवाही यहीं रुक जाएगी।

वहीं वादी पक्ष अदालत को बता पाया कि मुकदमा सुनने योग्य है तो सुनवाई आगे बढ़ेगी। मुकदमे की सुनवाई के बाद निचली अदालत का जो फैसला होगा उस पर दोनों पक्षों के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खुला है। जिला जज की अदालत में मुकदमे की पोषणीयता पर होने वाली सुनवाई में अपनी बात रखने का मौका सबसे पहले प्रतिवादी यानी मस्जिद पक्ष को मिलेगा। इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट का भी निर्देश था।

प्रतिवादी पक्ष जब अपनी दलील पूरी कर लेगा तो वादी यानी मंदिर पक्ष को मौका मिलेगा। प्रतिवादी पक्ष के वकील अभयनाथ यादव का कहना है कि हमने अपनी तरफ से पूरी तैयारी की है। हमारे पास अदालत के सामने रखने के तमाम साक्ष्य व नजीर हैं। मैं साबित कर दूंगा कि मुकदमा पोषणीय नहीं है। इस पर तो पहले ही सुनवाई होनी चाहिए थी और तब मुकदमा आगे बढ़ता ही नहीं।

वहीं वादी पक्ष के वकील सुधीर त्रिपाठी का कहना है कि यह मुकदमा अब इतना आगे बढ़ गया है कि पोषणीयता का मामला ही नहीं रह जाता है। मुकदमे को लेकर हमारा दावा पक्का है। इसे हम अदालत में भी साबित करेंगे। मुकदमे में सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील हरिशंकर जैन आ सकते हैं। हालांकि उनकी सेहत ठीक नहीं है। विष्णु जैन तो साथ रहेंगे ही।

अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (पंचम) की अदालत में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव व AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी, उनके भाई अकबरुद्दीन ओवैसी समेत सात नामजद व अन्य के खिलाफ दाखिल अर्जी पर बुधवार को सुनवाई हुई। अदालत 26 मई को इसकी पोषणीयता पर आदेश जारी करेगी। यह प्रार्थना पत्र वकील हरिशंकर पांडेय की ओर दाखिल किया गया है। आरोप लगाया है कि इन लोगों की ओर से हिंदू जनभावना के खिलाफ लगातार अपमानजनक बयान दिए जा रहे हैं।

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