प्रयागराज
बेसिक शिक्षा अधिकारी फर्रुखाबाद लालजी यादव सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में हाजिर हुए और आदेश पालन के लिए एक हफ्ते का अतिरिक्त समय मांगा। हलफनामा दाखिल कर कोर्ट को बताया कि ग्रेच्युटी पर व्याज की गणना कर ली गई है। अनुमोदन के बाद भुगतान कर दिया जाएगा। कोर्ट ने एक हफ्ते का समय दिया है। मामले में अगली सुनवाई 16 मई को होगी। इससे पहले कोर्ट ने बीएसए के खिलाफ अवमानना आरोप निर्मित कर 21 अप्रैल को कारण बताने के लिए कहा था कि क्यों न उन्हें जानबूझकर कोर्ट आदेश की अवहेलना करने के लिए दंडित किया जाए।
21अप्रैल को बीएसए ने अनुपालन हलफनामा दाखिल कर ग्रेच्युटी का भुगतान करने की जानकारी दी किन्तु ब्याज का भुगतान नहीं किया। इस पर कोर्ट ने 26अप्रैल को तलब किया। हाजिर न होने पर कोर्ट ने बीएसए को आदेश का पूरी तरह से पालन कर नौ मई को पेश होने का निर्देश दिया था। इसके अनुपालन में बीएसए पेश हुए और समय मांगा। यह आदेश न्यायमूर्ति सरल श्रीवास्तव ने देवब्रत की अवमानना याचिका पर दिया है। याची की तरफ से अधिवक्ता अनुराग शुक्ल व बीएसए की तरफ से अधिवक्ता यतींद्र ने बहस की।
याची के पिता जगदंबा प्रसाद प्राथमिक विद्यालय निविया, राजेपुर, फर्रुखाबाद में प्रधानाध्यापक थे। सेवा काल में उनकी मृत्यु हो गई। सेवानिवृत्ति परिलाभो का भुगतान किया गया किन्तु यह कहते हुए ग्रेच्युटी का भुगतान करने से इन्कार कर दिया गया कि मृत्यु से पहले याची के पिता ने 60 वर्ष की सेवानिवृत्ति विकल्प नहीं दिया है। कोर्ट ने कहा कि ऊषारानी केस में कोर्ट ने विकल्प भरने से पहले मृत्यु होने वाले अध्यापकों को 60वर्ष में सेवानिवृत्त मानते हुए ग्रेच्युटी का भुगतान करने का आदेश दिया है।
विकल्प देने से पहले मौत पर यह नहीं कह सकते कि वे 62 साल का विकल्प ही देते। याचिका स्वीकार करते हुए दो माह में ग्रेच्युटी के भुगतान का आदेश देते हुए कहा कि भुगतान में देरी पर आठ प्रतिशत ब्याज देना होगा। आदेश का पालन नहीं किया गया तो अवमानना याचिका दायर की गई।पालन का मौका देने पर भी आदेश का अनुपालन नहीं किया तो कोर्ट ने अवमानना आरोप निर्मित कर दंड देने पर कारण बताने का आदेश दिया।