नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को गांधीनगर-मुंबई वंदे भारत एक्सप्रेस की सवारी की। इस दौरान रेलवे परिवार, महिला उद्यमियों और युवाओं सहित जीवन के विभिन्न क्षेत्रों के लोग उनके सहयात्री बने।
यात्रा के दौरान मोदी ने वंदे भारत ट्रेन के निर्माण कार्य से जुड़े श्रमिकों, इंजीनियरों और अन्य कर्मचारियों के से बातचीत की। उन्होंने वंदे भारत ट्रेन में स्टार्ट अप चलाने वाली महिलाओं और महिला शोधकर्ताओं से भी बात की।
इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने गांधीनगर से अहमदाबाद के लिए वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन में यात्रा की। प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार इस यात्रा में रेलवे परिवार, महिला उद्यमियों और युवाओं सहित जीवन के विभिन्न क्षेत्रों के लोग उनके सहयात्री बने।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने गुजरात दौरे के दूसरे दिन यहां वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई। यह ट्रेन 160 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चलेगी। इस मौके पर गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी और गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल भी मौजूद रहे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वंदे भारत ट्रेन राष्ट्र को समर्पित की
देश को शुक्रवार को तीसरी वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन मिल गई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वंदे भारत ट्रेन राष्ट्र को समर्पित की। गुजरात दौरे पर पहुंचे प्रधानमंत्री ने राजधानी गांधीनगर और मुंबई सेंट्रल के बीच स्वदेश निर्मित हाईस्पीड वंदे भारत एक्सप्रेस के नए और उन्नत संस्करण को हरी झंडी दिखाई। यह अपनी तरह की तीसरी वंदे भारत एक्सप्रेस है।
केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 2022-23 के केंद्रीय बजट में घोषणा की थी कि अगले तीन वर्षों में 400 नई पीढ़ी की वंदे भारत ट्रेनों का विकास और निर्माण किया जाएगा। पहली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को 15 फरवरी, 2019 को नई दिल्ली-कानपुर-इलाहाबाद-वाराणसी मार्ग पर हरी झंडी दिखाई गई थी। पिछले साल 15 अगस्त, 2021 को लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री मोदी ने घोषणा की थी कि स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव के 75 सप्ताह के दौरान 75 वंदे भारत ट्रेनें देश के हर कोने को जोड़ेगी। वंदे भारत की पहचान गति, सुरक्षा और सेवा है।
उल्लेखनीय है कि वंदे भारत 160 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम गति तक चल सकती है। इसमें शताब्दी ट्रेन जैसी यात्रा अपार्टमेंट हैं, लेकिन यात्रियों को इस ट्रेन में बेहतर यात्रा अनुभव मिलेगा। गति और सुविधा के लिहाज से यह ट्रेन भारतीय रेलवे के लिए बड़ी छलांग है। उदाहरण के लिए नई दिल्ली और वाराणसी के बीच निर्धारित आवागमन में लगभग आठ घंटे लगते हैं। इससे यह इन दोनों शहरों को जोड़ने वाली सबसे तेज गति की ट्रेन की तुलना में 40-50 प्रतिशत तेज हो गई।
इसके अलावा वंदे भारत ट्रेन के सभी कोच स्वचालित दरवाजों से सुसज्जित हैं। इसमें एक जीपीएस आधारित आडियो विजुअल यात्री सूचना प्रणाली है। इसमें मनोरंजन प्रयोजनों के लिए ऑनबोर्ड हॉट स्पाट वाई-फाई, और बहुत आरामदायक बैठने की जगह है। इसमें एग्जीक्यूटिव क्लास में घूमने वाली कुर्सियां भी हैं। इसके प्रत्येक कोच में गर्म भोजन के अलावा गर्म और ठंडे पेय परोसने की सुविधाओं के साथ एक पैंट्री की सुविधा है। वंदे भारत एक्सप्रेस में कुल 1,128 यात्रियों के बैठने की क्षमता है
अब तक देश की पहली सेमी हाई स्पीड ट्रेन दो रूट नई दिल्ली से कटरा (माता श्री वैष्णो देवी) और नई दिल्ली से वाराणसी के बीच चल रही थी। अब इसमें तीसरा रूट गांधी नगर-मुंबई सेंट्रल शामिल हो गया है। इस साल की शुरुआत में रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने मध्य प्रदेश के खजुराहो से भी वंदे भारत एक्सप्रेस के संचालन की घोषणा की थी।