लखनऊ
प्रदेश के सभी जिलों में अमृत सरोवर बनाने की प्रक्रिया तेज हो गई हैं। अब तक 4500 से अधिक अमृत सरोवर तलाशे जा चुके हैं, माह के अंत तक सभी 6000 सरोवरों को चयनित करके उन्हें संवारा जाएगा। इतना ही नहीं 657 अमृत सरोवरों का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। हर सप्ताह सरोवरों की समीक्षा वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से की जा रही है।
देश की आजादी के 75 वर्ष पर अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। हर जिले में अमृत सरोवरों का विकास होना है। सूबे में हर लोकसभा क्षेत्र में 75 अमृत सरोवरों के साथ कुल 6000 अमृत सरोवर का विकास किया जाना है। अमृत सरोवर पर्यावरण संरक्षण, वाटर रिचार्जिंग के लिए वरदान साबित होंगे, सरोवरों को ग्रामीण पर्यटन के केंद्र के रूप में विकसित किया जाना है। ग्राम्य विकास विभाग ने जिलाधिकारियों व जिला कार्यक्रम समन्वयक (मनरेगा) को इस संबंध में निर्देश दिए हैं। इसके बाद से सरोवरों की तलाश की जा रही है।
संयुक्त आयुक्त ग्राम्य विकास अतुल मिश्र ने बताया कि अब तक 4500 से अधिक सरोवरों की तलाश पूरी हो चुकी है, हर जिले में यह कार्य तेजी से हो रहा है। इस माह के अंत तक लक्ष्य के अनुरूप चयन पूरा हो जाएगा। इसी के साथ 657 तालाबों का निर्माण कार्य शुरू हो गए हैं। इनके प्रगति की रिपोर्टिंग व डाक्यूमेंटेशन आदि एमआइएस पोर्टल पर किया जाएगा। सरोवरों के विकास का कार्य ग्राम पंचायतों, क्षेत्र पंचायतों व जिला पंचायतों को केंद्रीय वित्त आयोग (टाइड/अनटाइड), राज्य वित्त आयोग व मनरेगा योजना में मिलने वाली धनराशि से कराया जाएगा।
तैयारी है कि प्रदेश में बनने वाले 6000 अमृत सरोवर मनरेगा मजदूरों को रोजगार से जोडऩे का माध्यम बने। हर सरोवर के विकास में करीब 100 मनरेगा मजदूर काम पर लगाए जाएंगे। अपर आयुक्त मनरेगा योगेश कुमार का कहना है कि जिन अमृत सरोवरों का विकास होना है उन्हें तेजी से चयनित किया जा रहा है। सभी तालाबों को मनरेगा से विकसित किया जाएगा। जहां जरूरत होगी सरोवरों की गहराई बढ़ाने के साथ ही बंधे का भी निर्माण किया जाएगा।