देश में सिख समुदाय के लोग सबसे ज्यादा और मुस्लिम सबसे कम हाइपरटेंशन यानी हाई ब्लड प्रेशर के शिकार हैं। डॉक्टरों का मानना है कि हाइपरटेंशन की बड़ी वजह तनाव है। नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5 की ताजा रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है। इसके मुताबिक, देश के 24% पुरुष और 21% महिलाएं हाइपरटेंशन की शिकार हैं। इसमें सिख धर्म के सबसे ज्यादा 37%, जैन धर्म के 30.1%, हिंदू के 24% और मुस्लिम धर्म के 21% पुरुष शामिल हैं।
जिस धर्म के लोगों में कम हाइपरटेंशन है, उनमें बाकियों की तुलना में कम बीमारियों की आशंका है। हाइपरटेंशन से हृदय संबंधी बीमारियों, लकवा, किडनी, लिवर प्रभावित होने, नाक से खून आने, आंख की रोशनी कम होने या खत्म होने जैसी बीमारियों का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। सर्वे के मुताबिक, गंभीर बीमारियों के खतरे के बावजूद देश में 67% महिलाएं और 53.7% पुरुषों ने कभी ब्लड प्रेशर की जांच तक नहीं कराई है।
50 की उम्र पार करने के बाद पुरुषों की तुलना में महिलाओं में हाइपरटेंशन बढ़ने लगता है। 49 साल की उम्र तक पुरुषों में हाइपरटेंशन ज्यादा होता है। 30-39 आयु वर्ग में पुरुषों की तुलना में करीब 7% ज्यादा महिलाएं हाइपरटेंशन का शिकार होती हैं, वहीं 70+ में इसके विपरीत होता है। पंजाब के बाद केरल में सबसे ज्यादा 30.9% महिलाओं में हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत है। इसके अलावा किसी भी राज्य में यह 30% से ऊपर नहीं है। सिक्किम में सबसे ज्यादा 41.6% पुरुष हाई ब्लड प्रेशर के शिकार हैं। इस लिस्ट में पंजाब (37.7%) दूसरे, मणिपुर (33.2%) तीसरे, अरुणाचल (33.1%) चौथे व केरल (32.8%) पांचवें नंबर पर है।