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Home Politics पीएम मोदी ने महाराष्ट्र में सूखे के दौर को याद किया, मतदाताओं को चेताया, ‘एमवीए वाले बूंद-बूंद को तरसाएंगे’

पीएम मोदी ने महाराष्ट्र में सूखे के दौर को याद किया, मतदाताओं को चेताया, ‘एमवीए वाले बूंद-बूंद को तरसाएंगे’

पीएम मोदी ने बालासाहेब ठाकरे की इच्छा का सम्मान न करने के लिए एमवीए पर निशाना साधा और कहा कि दिवंगत नेता की इच्छा थी कि औरंगाबाद का नाम बदलकर छत्रपति संभाजी नगर कर दिया जाए। 2 साल से अधिक समय तक सत्ता में रहने के बावजूद, वे ऐसा करने में विफल रहे।

by Kajal Tiwari

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को महा विकास अघाड़ी (एमवीए) पर तीखा हमला करते हुए कहा कि अगर वह महाराष्ट्र में सत्ता में आती है तो चुनावी राज्य में सूखे और जल संकट का दौर वापस ला देगी।

लोगों से बीजेपी के लिए आग्रह करते हुए पीएम ने कहा, “अगाढ़ी वाले बूंद-बूंद पानी के लिए आपको तरसाएंगे। इसलिए मैं माता और बहनो को कहता हूं, अगाड़ी वाले को घुसने भी मत देना, अगाड़ी गठबंधन आपको पानी के लिए भी तरसाएगा।” पानी की एक-एक बूंद के लिए भीख मांगवाएंगे, इसलिए मैं माताओं-बहनों से कहता हूं कि गठबंधन को सत्ता में भी मत आने देना, नहीं तो ये आपसे पानी की भीख मांगवाएंगे।

”उन्होंने ये बयान महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजी नगर जिले में एक जनसभा को संबोधित करते हुए दिए, जहां 20 नवंबर को विधानसभा चुनाव होने हैं। जनसभा के लिए पहुंचने पर, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले सहित एनडीए नेताओं ने उनका स्वागत किया।

एमवीए पर निशाना साधते हुए पीएम मोदी ने यह भी कहा कि एमवीए गठबंधन ने राज्य की समस्याओं को बढ़ाने के अलावा कुछ नहीं किया है। उन्होंने कहा, “मराठवाड़ा में लंबे समय से पानी का संकट रहा है, लेकिन कांग्रेस और अघाड़ी के लोग हमेशा हाथ पर हाथ धरे बैठे रहे। हमारी सरकार में पहली बार सूखे से लड़ने के लिए ठोस प्रयास शुरू हुए।”

बाला साहेब की इच्छा पूरी करने में एमवीए विफल रहा

प्रधानमंत्री ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि एमवीए गठबंधन ने बालासाहेब ठाकरे की इच्छा का सम्मान नहीं किया और कहा कि औरंगाबाद का नाम बदलकर छत्रपति संभाजी नगर करना दिवंगत नेता की इच्छा थी।

पीएम मोदी ने कहा, “पूरा महाराष्ट्र जानता है कि छत्रपति संभाजी नगर को यह नाम देने की मांग बालासाहेब ठाकरे ने उठाई थी। अघाड़ी सरकार 2.5 साल तक सत्ता में थी, लेकिन कांग्रेस के दबाव में इन लोगों की हिम्मत नहीं हुई कि वे ऐसा कर सकें। जबकि महायुति सरकार ने सत्ता में आते ही इस शहर का नाम बदलकर छत्रपति संभाजी नगर कर दिया।”