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पीएम मोदी के नेतृत्व में आज देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी हिंदी के लिए बन रहा अनुकूल वातावरण- अजय कुमार मिश्रा

by City Headline

केंद्रीय गृहराज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ने नई दिल्ली में केंद्रीय राजभाषा सेवा संवर्ग अधिकारियों के तकनीकी सम्मेलन को संबोधित किया। इस अवसर पर अजय कुमार मिश्रा ने राजभाषा सम्मान-2022 वितरित किए। सम्मेलन में सचिव राजभाषा अंशुली आर्या, राजभाषा विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी और बड़ी संख्या में सीएसओएलएस अधिकारी भी शामिल हुए।

इस अवसर पर गृह राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्रा ने कहा कि अपनी स्थापना से लेकर अब तक केंद्रीय सचिवालय राजभाषा सेवा संवर्ग का स्वरूप सदैव अखिल भारतीय रहा है और इसमें देशभर के हिंदीभाषी से लेकर हिंदीतर भाषी राज्यों के अधिकारियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्‍व में आज देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी हिदी के लिए अनुकूल वातावरण तैयार हुआ है। मिश्रा ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री और गृ‍ह मंत्री अपने वक्‍तव्‍य हिंदी में देते हैं जो सभी हिंदी प्रेमियों के लिए अत्‍यंत हर्ष का विषय है।

गृह राज्यमंत्री ने कहा कि आज देश के लगभग सभी प्रांतों में हिंदी भाषा की पढ़ाई हो रही है जिससे हिंदी के प्रति लोगों का रूझान बढ़ रहा है। किसी भी राष्‍ट्र के लिए यह जरूरी है कि वह अपनी भाषाओं के प्रति सजग रहे और उन्हे आगे बढ़ाने के लिए आवश्‍यकतानुसार कदम उठाए। इस दिशा में देश का शीर्ष नेतृत्व पूरी तरह से सजग है और हमारे प्रधानमंत्री ने सदैव ही सभी भारतीय भाषाओं के सम्मान को आगे बढ़ाने का काम किया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विश्व में जहां भी गए, उन्होंने हिंदी भाषा में संबोधन दिया। इससे वर्तमान पीढ़ी को नई ऊर्जा प्राप्त हुई है और लोग दैनिक व्यवहार में हिंदी भाषा का उपयोग करने में हिचक महसूस नहीं करते। उन्होने कहा कि हमारे गृहमंत्री अमित शाह भी सर्वभाषा प्रेमी हैं और विभिन्‍न अवसरों पर हिंदी में ही बात करते हैं, इससे लोगों का उत्‍साह भी बढ़ता है।

अजय कुमार मिश्रा ने कहा कि गृहमंत्री के नेतृत्‍व में आज गृह मंत्रालय का अधिकतर कार्य हिंदी भाषा में हो रहा है। उन्होने कहा कि स्वतंत्रता के बाद अधिकतर मूल कार्य हिंदी में किए जाने का आशय था परंतु अभी तक यह लक्ष्‍य प्राप्‍त नहीं हो सके, अब समय आ गया है कि मूल कार्य हिंदी में हो और अंग्रेजी में उसका अनुवाद हो। दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा का जिक्र करते हुये मिश्रा ने कहा कि आजादी से पहले ही कई संस्‍थाएं हिंदी के संवर्धन की दिशा में काम कर रही हैं।

पं दीन दयाल ने कहा था कि सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की पुनर्स्थापना और इतिहास के पुनर्लेखन का काम भाषा के उत्थान के बिना संभव नहीं है। गृह राजय मंत्री ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी ने पहली बार संयुक्त राष्‍ट्र में हिंदी में संबोधन दिया और सुषमा स्वराज के प्रयासों से संयुक्त राष्‍ट्र के हिन्दी में ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया चैनल शुरु किये गये। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सचिव राजभाषा, अंशुली आर्या ने कहा कि आधुनिक युग में किसी भी भाषा का अधिक से अधिक प्रयोग सुनिश्चित करने के लिए उसे सूचना प्रौद्योगिकी के साथ जोड़ना समय की मांग है।

सरकारी कामकाज में हिंदी का प्रयोग आसान बनाने के उद्देश्य से राजभाषा विभाग ने ई-टूल्स और एप्लिकेशन्स के अलावा ‘ई महाशब्दकोश मोबाइल ऐप’ और ‘ई-सरल हिंदी वाक्य कोश’ तैयार किए हैं। इसी प्रकार अनुवाद में सहायता के लिए सी-डैक पुणे की सहायता से स्मृति आधारित अनुवाद साफ्टवेयर ‘कंठस्थ,’ विकसित किया है जिसके प्रयोग से सरकारी कामकाज में हिंदी को बढ़ावा दिया जा सकता है।

उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री के “आत्मनिर्भर भारत-स्थानीय के लिए मुखर” के आह्वान से प्रेरित होकर राजभाषा विभाग स्वदेशी स्मृति आधारित अनुवाद टूल “कंठस्थ” को और अधिक लोकप्रिय बनाने और विभिन्न संगठनों में इसका विस्तार करने के सभी प्रयास कर रहा है। इसी प्रकार, राजभाषा विभाग द्वारा अंग्रेजी भाषा के अतिरिक्त 14 अन्य भारतीय भाषाओं में स्वयं हिंदी सीखने के लिए बनाए गए ‘लीला राजभाषा’ और ‘लीला प्रवाह’ प्रोग्राम का भी व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है ।

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