उत्तर प्रदेश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के हर घर को शुद्ध पेयजल सुलभ कराने हेतु जल जीवन मिशन की घोषणा की थी। पीएम मोदी के विजन को आगे बढ़ाने के लिए सीएम योगी ने इसके दृष्टिगत प्रथम चरण में प्रदेश के बुंदेलखंड-विंध्य क्षेत्र में जल जीवन मिशन को लागू किया गया है। बुंदेलखंड-विंध्य क्षेत्र में लोगों को पाइप से शुद्ध पेयजल मिलना प्रारंभ हो गया है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मार्च, 2024 तक प्रदेश के प्रत्येक राजस्व ग्राम तक हर घर में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के प्रभावी प्रयास किए जाएं।
योगी ने निर्देश देते हुए कहा कि जल जीवन मिशन के तहत 23 हजार से अधिक गांवों में ‘हर घर नल’ का कार्य प्रगति पर है, उन्हें 06 माह में पूरा किया जाए। 18,629 गांवों में, जहां ‘हर घर नल’ योजना की डीपीआर तैयार है, उनकी S.L.S.S.C. की स्वीकृति की प्रक्रिया एक माह में पूरी कर ली जाए। विगत 05 वर्षों में प्रदेश में 2 करोड़ 51 लाख से अधिक जनसंख्या को शुद्ध पेयजल की सुविधा प्रदान की गई है। 36 लाख से अधिक घरों में पाइप पेयजल नल के कनेक्शन लगाए गए हैं।
बुंदेलखंड व विंध्य क्षेत्र में 18.67 लाख घरों को पाइप पेयजल से जोड़ा गया है। सीएम ने कहा कि शुचिता व पारदर्शिता के दृष्टिगत सुनिश्चित किया जाए कि विकास परियोजनाओं के लिए डीपीआर तैयार करने वाली संस्था परियोजना के निर्माण अथवा क्रियान्वयन आदि के लिए होने वाली टेंडर प्रक्रिया में भाग न ले। उनहोंने कहा है कि वाटर टेस्टिंग के कार्य से स्थानीय जल समितियों को जोड़ा जाए एवं महिला स्वयं सहायता समूहों को प्रशिक्षित कर उन्हें भी इस कार्य में शामिल किया जा सकता है।
जल जीवन मिशन’ से पूर्णतः संतृप्त गांवों का पूरी पारदर्शिता के साथ सत्यापन कराया जाए एवं ग्राम पंचायत की बैठक आयोजित कर लाभान्वितों की संतुष्टि का स्तर आंका जाए। इसकी वीडियोग्राफी भी कराई जाए बांधों के पुनरुद्धार एवं सुधार के लिए भारत सरकार की पहल में प्रदेश के अधिकाधिक बांधों को शामिल कराया जाए। इससे बांधों की सुरक्षा व संचालन क्षमता में सुधार होगा।
इसी के साथ ही, बांधों के जल क्षेत्र पर निर्भर शहरी व ग्रामीण समुदाय के लोगों को लाभ मिलेगा। सीएम ने निर्देशित किया है कि जल जीवन मिशन के लिए विलेज एक्शन प्लान, ग्राम पंचायत के बजाय राजस्व ग्राम के स्तर पर बनाया जाए। सभी 97 हजार राजस्व गांवों में इस कार्य को तेजी से पूरा कर लिया जाए। साथ ही जल जीवन मिशन और नमामि गंगे परियोजना के कार्यों का जिलाधिकारी स्तर पर सतत अनुश्रवण किया जाए। यथाशीघ्र राज्य स्तर पर प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट (PMU) स्थापित की जाए।