शास्त्रीय मान्यताओं के अनुसार गुरु और शुक्र के उदय रहने पर ही कोई भी शुभ कार्य किया जा सकता है। इस वर्ष गुरु तो उदित रहेंगे किन्तु शुक्र देव शीघ्र ही अस्त होने जा रहे हैं।
नवरात्र के तीसरे दिन अश्विन शुक्ल पक्ष तृतीया, बुधवार अर्थात 2829 सितम्बर की रात को 03ः10 बजे शुक्र देव पूर्व दिशा में अस्त हो जाएंगे। इस दिन के बाद समस्त शुभ कार्य जैसे वरच्छा, गोदभराई, तिलक, विवाह, गृह प्रवेश, मुण्डन, यज्ञोपवीत, वधू की प्रथम और द्वितीय विदायी आदि कार्य रुके रहेंगे।
शक्ति ज्योतिष केन्द्र लखनऊ के पण्डित शक्तिधर त्रिपाठी ने बताया कि मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष एकादशी, रविवार अर्थात् 2021 नवम्बर 2022 को अति प्रातः 05ः36 बजे पश्चिम में शुक्रोदय होने पर मांगलिक कार्य पुनः शुरू हो जाएंगे और खरमास से पहले तक निर्बाध गति से चलते रहेंगे। खरमास का आरम्भ 16 दिसम्बर को सूर्योदय के साथ ही हो जाएगा और एक महीने तक चलेगा।