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धमतरी: शासन से नहीं सुनी मांग तो ग्रामीणों ने चंदा कर की शिक्षकों की व्यवस्था

by City Headline
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धमतरी। धमतरी जिले के कई स्कूलों में शिक्षकों की कमी बरकरार है। हालत यह है कि बार-बार शासन प्रशासन से गुहार लगा कर थक चुके ग्रामीणों को अब अपने स्तर पर चंदे की व्यवस्था कर अस्थाई रूप से शिक्षकों की व्यवस्था करनी पड़ रही है। ताजा मामला कुरुद ब्लाक के ग्राम कुर्रा का है, जहां के पालक समिति व शाला विकास समिति के सदस्यों ने बच्चों की पढ़ाई जारी रखने के लिए चंदे की व्यवस्था कर दो अस्थायी शिक्षक की व्यवस्था की है।
शासन स्तर पर पढ़ाई को लेकर किस तरह की गंभीरता जमीनी स्तर पर बरती जा रही है, इसका सहज अनुमान लगाया जा सकता है। आए दिन पालक शिक्षक की मांग लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचते रहते हैं। कुरुद ब्लाक के ग्राम कुर्रा के ग्रामीण व शाला विकास समिति के सदस्य कलेक्ट्रेट पहुंचकर शिक्षक की मांग कर रहे हैं। शासन प्रशासन से लगातार शिक्षक की मांग करने के बाद भी मांग पूरी नहीं होने से हताश परेशान ग्रामीण अब चंदा करके रुपये की व्यवस्था कर रहे हैं ताकि वे बच्चों की पढ़ाई अनवरत जारी रख सकें। कलेक्ट्रेट पहुंचे कुर्रा के ग्रामीण दुबराज , हलेश साहू, हेमलाल साहू, रेखा साहू, मदनलाल, अरविंद कुमार, नारायण साहू, पुरूषोत्तम, धनेश्वरी, तीजराम बैस, संतोष कुमार, गोवर्धन कंवर, चुम्मन बैस ने बताया कि उनके शासकीय प्राथमिक शाला कुर्रा में एक शिक्षक को शिक्षण व्यवस्था के कारण भाठागांव स्कूल भेजा गया हैद्ध अब वहां ट्रांसफर से स्थाई शिक्षक आ चुके है, और हमारे स्कूल में केवल दो ही शिक्षक है जिसमें प्रधान पाठक सेवानिवृत होने वाले हैं, उनका स्वस्थ्य ठीक नहीं रहता। जबकि हमारे शिक्षक हुलेश चन्द्राकर के चले जाने से पढ़ाई पूरी तरह प्रभावित हुई है। गांव में चंदा करके दो 12वीं छात्रों को रखना पड़ा।
दो माह से बच्चों को पढ़ा रहे दोनों अस्थायी शिक्षकों को दो-दो हजार रुपये मानदेय दे रहे हैं। अब भाठागांव स्कूल (कूरुद) में स्थायी शिक्षक के आ जाने के कारण, यहां पदस्थ रहे शिक्षक हुलेश चन्द्राकर को वापस कुर्रा भेजा जाए। मालूम हो कि धमतरी जिले में के कई स्कूलों में बच्चों की दर्ज संख्या के अनुपात में शिक्षकों की संख्या कम है, जिसके कारण बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी रविंद्र मिश्रा का कहना है कि शासन स्तर पर शिक्षक की पर्याप्त व्यवस्था करने के लिए प्रयास जारी है। जैसे ही व्यवस्था होगी स्कूलों में शिक्षकों की पदस्थापना की जाएगी।
वनांचल की स्थिति खराब
नगरी ब्लाक के वनांचल के रहवासी आए दिन शिक्षक की मांग लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचते रहते हैं पर अब तक व्यवस्था में सुधार नहीं हो सका है। ग्रामीणों का कहना है कि शहरी क्षेत्र के आसपास के गांव में पर्याप्त संख्या में शिक्षक पदस्थ हैं, लेकिन वनांचल के स्कूलों में पढ़ाई को लेकर गंभीरता नहीं बरती जा रही। बार-बार मांग किए जाने के बाद भी शिक्षकों की मांग पूरी नहीं की जा रही जो कि उचित नहीं है। शिक्षण सत्र का लगभग आधा सत्र बीत चुका है लेकिन अभी भी शिक्षकों की कमी बनी हुई है।
जिला शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार धमतरी में ब्लाक में प्राथमिक स्कूल में बच्चों की दर्ज संख्या 11634 है जिसके लिए स्वीकृत शिक्षक की संख्या 546 व कार्य 629 है। इसी तरह कुरूद ब्लाक में छात्रों की दर्ज 12509 की तुलना में यहां स्वीकृत शिक्षकों की संख्या 529 व कार्यरत 628 हैं। मगरलोड ब्लाक में छात्रों की दर्ज संख्या 7937 है। यहां स्वीकृत शिक्षकों की संख्या 391 व कार्यरत 431 शिक्षक हैं। इसी तरह नगरी ब्लाक के प्राथमिक स्कूलों में दर्ज संख्या 12243 है। स्वीकृत शिक्षकों की संख्या 743 व कार्यरत 693 शिक्षक हैं। इसी तरह माध्यमिक स्कूलों में छात्रों की दर संख्या 9076 है। स्वीकृत शिक्षकों की संख्या 548 व कार्यरत 516 शिक्षक हैं। कुरुद ब्लाक में छात्रों की दर्ज संख्या 9159 है। स्वीकृत शिक्षकों की संख्या 486 व कार्यरत 448 है। मगरलोड में छात्रों की संख्या 5262 स्वीकृत शिक्षकों की संख्या 314 है तथा कार्यरत शिक्षकों की संख्या 260। इसी तरह नगरी ब्लाक के माध्यमिक स्कूलों में छात्रों की दर्ज संख्या 7927 है। यहां स्वीकृत शिक्षकों की संख्या 508 है तथा यहां कार्यरत 352 शिक्षक हैं। इस तरह जिले के माध्यमिक स्कूलों में दर्ज छात्रों की कुल संख्या 31424 में से स्वीकृत शिक्षकों की संख्या 1856 व कार्य 1576 शिक्षक हैं।