धमतरी। नवरात्रि पर्व शुरू होने के साथ ग्राम अंवरी व पुरैना के बीच तिराहे पर एक परिवार के घर निर्मित गुरु घासीदास बाबा के जैत स्तंभ व कलश के पास अपने आप पानी बह रहा है, इसे चमत्कारिक मानकर यहां दर्शन करने हर रोज सैकड़ों की भीड़ लग रही है। इस जल को प्रसादी के रूप में लोगों को बांटा जा रहा है। नारियल पानी जैसा मीठा होने के कारण लोग इसे प्रसाद मानकर पी रहे हैं। सुबह से रात तक दूर-दूर से लोग वाहनों में सवार होकर दर्शन करने जा रहे हैं। जबकि कई लोग इसे अंधविश्वास भी मान रहे हैं।
धमतरी जिला अंतर्गत नगर पंचायत भखारा से जोरातराई, कल्ले रोड पर ग्राम पुरैना व अंवरी के बीच तिराहे पर सालों से एक परिवार निवासरत है, जो घर के आंगन पर जैतखांभ बनाकर पिछले कई सालों से हर रोज वह पूजा-अर्चना कर रहे हैं, लेकिन इस साल नवरात्र पर्व शुरू होने के साथ उनके बनाए जैत स्तंभ व कलश तथा घर के दीवार पर विराजित बाबा घासीदास के फोटो के दीवार के पास से अचानक अपने आप पानी बहना शुरू हो गया। एक-दो दिन परिवार के लोग इसे सामान्य माना, लेकिन जब पानी लगातार निकलने लगा, तो इस चमत्कारिक मानकर अन्य ग्रामीणों को जानकारी दी। लोग इसे भगवान के चमत्कार मानते हुए अब पूजा-अर्चना करना शुरू क दिया है। हर रोज यहां सैकड़ों की संख्या में लोगों की भीड़ दूर-दराज गांवों से पहुंच रही है। जैत स्तंभ से निकल रही पानी को जमीन पर कुंड बनाकर एकत्र किया जा रहा है और इसे लोगों को प्रसादी के रूप में बांटा जा रहा है। इसे पीने लोगों की भीड़ उमड़ रही है। रुपये-पैसा व नारियल हर रोज सैकड़ों की संख्या में चढ़ावा हो रहा है। इस नारियल को तत्काल प्रसाद बनाकर भी बांटा जा रहा है।