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दिल्ली घूमने की थी चाहत…पर मौत कर रही थी इंतजार, पलक झपकते ही चली गई चार जान

by Nikhil

जब दिल्ली की सड़कों पर घूमने की सोची थी, तो क्या मालूम था कि मौत भी वहीं इंतजार कर रही थी। पलक झपकते ही, चार जानें चली गईं, जैसे कि किसी भी पल मौत का हमला हो सकता है।

कन्नौज हादसे की यह कहानी एक ऐसी रहस्यमय घटना की है, जो हमें सोचने पर मजबूर करती है। एक साधारण यात्रा जो धन्यता और आनंद से भरी थी, उसका अंत ऐसा था कि जिंदगी की कमीनी मौत ने उसे चौथा कदम ही नहीं उठाने दिया। एक बार फिर, हमें याद दिलाती है कि जिंदगी कितनी अनिश्चित होती है, और हमें हर वक्त सतर्क रहना चाहिए।

कन्नौज जिले के पिपरौली गांव में एक दर्दनाक सड़क हादसे की घटना ने मंगलवार को समाप्ति को अमंगल बना दिया। आगरा एक्सप्रेसवे के ठठिया थाना क्षेत्र में हुए इस हादसे में चार लोगों की मौत हो गई, जबकि 24 लोगों को चोटें आई हैं।

हादसे की तेज आवाज सुनकर ग्रामीण लोग एक बार फिर अपने साहस और सहयोग का परिचय दिया। वे तुरंत ही अपने घायल साथियों की मदद के लिए एक्सप्रेसवे की ओर दौड़ पड़े और पुलिस तथा यूपीडा कर्मियों को सूचित किया। पुलिस ने तत्काल एम्बुलेंस और मेडिकल टीम को तात्कालिक रूप से हादसे के स्थान पर भेज दिया। इस प्रकार, लोगों की एकजुटता और तत्परता ने बड़ी संख्या में चोटें पाए लोगों की जान को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

गोरखपुर से दिल्ली की यात्रा कर रहे लोग मंगलवार की सुबह के लगभग 04.30 बजे बस में नींद में डूबे हुए थे। कई यात्री गहरी नींद में थे, जब एक अचानक तेज आवाज़ के साथ हादसे की घटना का बयान हुआ। बस के यात्री चीख-पुकार में आ गए, पर बिना समझे कि क्या हो रहा है। इस बीच, बस की यात्रा का अधिकांश हिस्सा अपने स्थान पर सो रहे थे, जिसके कारण सहायता के लिए कोई तैयार नहीं था।

हादसे की आवाज सुनते ही, पिपरौली गांव के ग्रामीण लोग एक्सप्रेसवे की ओर दौड़ पड़े। अंधेरे में, लोगों को कुछ समय तक समझ में नहीं आया कि क्या हो रहा है। परन्तु व्यवस्थाओं ने तत्काल ही काम किया, जब पुलिस टीम और यूपीडा कर्मियों ने घटना स्थल पर पहुंचा। ग्रामीणों की सहायता से, घायलों को बस से बाहर निकाला गया और उन्हें एम्बुलेंस से मेडिकल कॉलेज भेजा गया।

हादसे के उस अद्भुत समय के बाद, एक्सप्रेसवे पर सफर करने का मार्ग बंद हो गया। पुलिस ने पहले प्राथमिक ध्यान देकर घायलों को मेडिकल कॉलेज भेजा, फिर उनके बाद हादसे की वजह से प्रभावित बस और ट्रक को हटाने के लिए क्रेन की सहायता ली। इस समय की लगभग दो घंटों तक लगी मेहनत के बाद, बस और ट्रक को साफ करके एक्सप्रेसवे पर सामान्य सफर की शुरुआत की जा सकी।

दिल्ली घूमने की चाहत लेकर बस चालक पिता के साथ निकला था बेटा
हादसे में बस चालक बाराबंकी के शरीफाबाद थाना क्षेत्र के हुसैनाबाद गांव निवासी नीलकंठ और उसके आठ वर्षीय बेटे मनीष की मौत हो गई। मनीष पिता के साथ दिल्ली घूमने की चाहत लेकर घर से निकला था, लेकिन उसे क्या पता था कि रास्ते में उनका मौत इंतजार कर रही है। मौत की खबर सुनते ही परिजनों में कोहराम मच गया और सभी कन्नौज पहुंच गए। इनके अलावा गोरखपुर के हनुमंतनगर कॉलोनी नियर मैरी गोल्ड लॉन निवासी आदिति श्रीवास्तव (22) के परिजन भी पहुंच गए हैं। हादसे में दम तोड़ने वाले चौथे युवक की पुलिस शिनाख्त का प्रयास कर रही है।

24 घायलों का मेडिकल कॉलेज में चल रहा इलाज

देवरिया के बरहज थाना क्षेत्र तिवारीपुर गांव निवासी रवि कुमार चौहान (36), रिधिया चौहान(12), सुभाष चंद्र चौहान (54), रणवीर चौहान (11), सिधकरिया गांव निवासी हिमांशु तिवारी (25), संतकबीर नगर के मेहरोली थाना क्षेत्र के अलीनागर गांव निवासी शंकरदीन यादव (45) घायल हो गए।

ये भी हुए घायल

इनके अलावा खालीलाबाद थाना क्षेत्र निवासी रामदयाल (31), थाना क्षेत्र के हाडापार गांव निवासी राजपाल चौधरी (32), पवन सैनी (31), गोरखपुर निवासी अमरनाथ (28), बेलाघाट थाना क्षेत्र निवासी डॉ. ब्रजेश पांडेय, सोहनावा गांव निवासी कुसुम पांडेय (52), गुलरिया थाना क्षेत्र निवासी विपुलराय (30), थाना खड़िनी निवासी दिलीप सिंह (55), शाहनगर थाना क्षेत्र निवासी विकास त्रिपाठी (29) घायल हुए।

कुछ घायल प्राथमिक उपचार लेकर अपने-अपने घर चले गए

फरीदाबाद निवासी सुमंत राय (43), बस्ती निवासी अंबकेश्वर कुमार पांडे (41), खुशीनगर क्षेत्र निवासी आनंद गुप्ता (24), हाथरस निवासी तान सिंह (22), मथुरा निवासी राजू (42), करन सिंह (18), भांवार थाना क्षेत्र के निवासी शाहिद (50), दिल्ली के खजुरी खास गली नंबर 15 में 331 निवासी गोविंद कुमार का मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा है। कुछ घायल प्राथमिक उपचार लेकर अपने अपने घर चले गए है।

डिवाइडर तोड़ ट्रक से टकराई थी बस

आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर ठठिया थाना क्षेत्र के ग्राम पिपरौली के निकट मंगलवार सुबह तेज रफ्तार स्लीपर बस डिवाइडर को तोड़ते हुए दूसरी साइड में जा रहे ट्रक से टकरा गई। हादसे में पिता-पुत्र सहित चार लोगों की मौत हो गई। बस में सवार व ट्रक चालक सहित 35 लोग घायल हो गए। मृतकों में एक की शिनाख्त नहीं हो सकी। पुलिस ने घायलों को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया है। उनमें से 11 को कानपुर रेफर कर दिया गया।

चार को डॉक्टरों ने क दिया मृत घोषित

गोरखपुर से दिल्ली जाते समय आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर ठठिया के पिपरौली गांव के पास स्लीपर बस हादसे का शिकार हो गई। बस डिवाइडर को तोड़कर दूसरी साइड में चल रहे ट्रक में सामने से टकरा गई। हादसे की सूचना पर पहुंचे यूपीडा कर्मियों व ठठिया थाना पुलिस ने घायलों को मेडिकल कॉलेज भेजा गया, जहां डॉक्टरों ने चार लोगों को मृत घोषित कर दिया। करीब 34 घायलों को भर्ती इलाज किया गया।

पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों में हड़कंप

इनमें 11 की हालत गंभीर होने पर कानपुर रेफर कर दिया गया है। पुलिस ने मृतकों की शिनाख्त बाराबंकी के शरीफाबाद के हुसैनाबाद निवासी नीलकंठ पुत्र श्यामाल और उनके पुत्र मनीष के अलावा गोरखपुर के हनुमंत नगर कॉलोनी निकट मैरी गोल्ड लॉन निवासी अदिती श्रीवास्तव पुत्री हेमंत श्रीवास्तव के रूप में की है, जबकि चौथे शव की शिनाख्त देर शाम तक नहीं हो सकी।

चालक को झपकी आने के कारण हादसा

हादसे की जानकारी पर डीएम शुभ्रांत शुक्ला, एसपी अमित कुमार आनंद, एएसपी डॉ. संसार सिंह, सीओ डॉ. प्रियंका बाजपेई पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे। एसपी ने घटनास्थल पर मौजूद लोगों से घटना के संबंध में जानकारी ली।  बस में सवार लोगों ने बताया कि हादसे के समय सभी लोग सो रहे थे। ऐसा लग रहा है कि बस चालक को भी झपकी आ गई। इसी से बस अनियंत्रित हो गई और डिवाइडर को तोड़ते हुए दूसरी साइड में जा रहे ट्रक से टकरा गई।

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