दिल्ली के मुंडका में भीषण आग लगने से 27 लोगों की मौत हो गई। बताया जा रहा है अभी भी वहां कुछ लोग फंसे हुए हो सकते हैं। फिलहाल मालिक को गिरफ्तार कर लिया गया है। दिल्ली फायर सर्विसेज के डायरेक्टर अतुल गर्ग ने बताया है कि बिल्डिंग में किसी भी तरह का दूसरा एग्जिट नहीं था। जो फायर एक्सटिंग्विशर थे वह भी एक्सपायर हो चुके थे। वहां पर फायर सेफ्टी के किसी भी मानक का पालन नहीं किया गया।
दरअसल, लापरवाही से दिल्ली जैसी आग घरों में भी धधक सकती है। तापमान 44 से 45 डिग्री सेल्सियस के बीच है और गर्मी को मात देने के लिए AC, पंखे, कूलर 18 से 20 घंटे तक चल रहे हैं। ये अपनी फुल कैपेसिटी में चलते हैं। इनके लगातार चलने से शॉर्ट सर्किट होने की आशंका बढ़ जाती है।
शॉर्ट सर्किट से लगने वाली आग खतरनाक होती है। ऐसी स्थिति में इलेक्ट्रिकल करंट के डायरेक्शन में बदलाव होता है। अचानक से अधिक वॉल्यूम में इलेक्ट्रिसिटी दौड़ने लगती है। यह वायरिंग के जरिए एक साथ पूरे घर में फैल सकती है। जब तक लोग कुछ समझ पाते हैं तब तक यह सब कुछ अपनी चपेट में ले लेता है। इससे बाहर निकलने का काफी कम समय बचता है।
इलेक्ट्रिशियंस का कहना है समय पर AC की सर्विसिंग नहीं की जाती। जब गर्मी के दिन आते हैं तो लोग अपने से ही फिल्टर की सफाई कर लेते हैं। उन्हें लगता है कि इससे AC की सर्विस हो गई, जबकि पुराने AC को सर्विस चाहिए। AC के रेफ्रिजरेंट को भरने और फिल्टर की सफाई इसमें शामिल है। कई जगहों पर खुले नाले होने से अमोनिया गैस बनती है। ये अमोनिया गैस AC में लगे कॉपर को धीरे-धीरे नष्ट करता है। इससे रेफ्रिजरेंट में लीकेज होता है।
कुल मिलाकर AC की सर्विस नहीं होने से इसमें आग लगने की संभावना बढ़ जाती है। जो यह सोचते हैं कि फ्रिज, कूलर, AC या दूसरे इलेक्ट्रानिक उपकरणों को स्विच ऑफ कर दिया और कोई खतरा नहीं है, वो गलत हैं, क्योंकि यदि इन उपकरणों के प्लग बोर्ड में लगे हुए हैं तब भी यह बिजली खपत करता है। बिजली के फ्लक्चुएट करने पर इनमें आग लगने की आशंका बनी रहती है।
सर्दियों में पंखे, 18-20 घंटे AC-कूलर-पंखे चलाने से शॉर्ट सर्किट का खतरा, फिर निकलने का रास्ता तक नहीं बचता, कूलर आमतौर पर बंद रहते हैं। जब गर्मियों के दिन आते हैं तो कई बार लोग बिना सर्विसिंग कराए ही इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का इस्तेमाल शुरू कर देते हैं। इन मशीनों में ल्यूब्रि सूखकेंट्स जाते हैं। जब ये इलेक्ट्रॉनिक सर्किट से जुड़ते हैं तो घर्षण शुरू होता है। नतीजा आग लगने की आशंका बढ़ जाती है।