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Home Telangana तेलंगाना: रमजान में कुछ स्कूलों का बदला समय, सीएम रेड्डी पर भड़के बीजेपी नेता राजा सिंह, पूछा- यह विशेष व्यवहार क्यों?

तेलंगाना: रमजान में कुछ स्कूलों का बदला समय, सीएम रेड्डी पर भड़के बीजेपी नेता राजा सिंह, पूछा- यह विशेष व्यवहार क्यों?

मुस्लिमों में रमजान का महीना रविवार से शुरू हो जाएगा। रमजान महीने को लेकर तेलंगाना के कुछ स्कूलों के समय में बदलाव किया गया है। सीएम रेवंत रेड्डी सरकार के इस फैसले पर बीजेपी विधायक टी राजा सिंह ने नाराजगी जताई है।

by Kajal Tiwari

तेलंगाना से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायक टी. राजा सिंह ने कांग्रेस सरकार पर एक बार फिर हमला बोला है। बीजेपी विधायक राजा सिंह ने कहा, ‘कांग्रेस सरकार ने एक बार फिर सच्चे शासन की जगह वोट बैंक की राजनीति को प्राथमिकता दी है। राज्य सरकार ने एक खास समुदाय को ध्यान में रखते हुए स्कूलों के समय में बदलाव किया है। ये बदलाव रमजान महीने के दौरान उर्दू स्कूलों का समय सुबह 8 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक करने का है।’

ये कांग्रेस की पुरानी आदत- राजा सिंह

बीजेपी विधायक टी राजा सिंह ने सीएम रेवंत रेड्डी से सवाल पूछते हुए कहा, ‘यह विशेष व्यवहार क्यों? वे अल्पसंख्यक नहीं बल्कि देश में दूसरा सबसे बड़ा धार्मिक समूह है। यह कुछ और नहीं बल्कि बहुसंख्यकों के अधिकारों और जरूरतों को नजरअंदाज करते हुए वोट बैंक की राजनीति के लिए पीछे हटने की कांग्रेस की पुरानी आदत है।’

इसके पहले भी बीजेपी ने रेड्डी सरकार पर लगाया ये आरोप

वहीं, तेलंगाना की कांग्रेस सरकार ने अपने मुस्लिम कर्मचारियों को रमजान के महीने में नमाज के लिए एक घंटा पहले काम छोड़ने की अनुमति देने का आदेश जारी किया है। इस पर बीजेपी ने कांग्रेस की रेड्डी सरकार पर तुष्टिकरण की राजनीति का आरोप लगाया है।

रेड्डी सरकार ने जारी किया था ये आदेश

17 फरवरी को जारी हुए आदेश में राज्य में कार्यरत सभी सरकारी मुस्लिम कर्मचारियों, शिक्षकों, निगमों और सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारियों को 2 मार्च से 31 मार्च तक रमजान के महीने के दौरान शाम 4 बजे अपने कार्यालयों और स्कूलों से बाहर निकलने की अनुमति दी गई है।

ये तुष्टिकरण की राजनीति- राजा सिंह

कांग्रेस सरकार के इस आदेश पर तेलंगाना के बीजेपी विधायक राजा सिंह ने कहा कि हिंदू त्योहारों के दौरान आस्थावानों को कोई रियायत नहीं दी जाती। राजा सिंह ने कहा, ‘अगर एक समुदाय को दूसरे पर तरजीह दी जाती है, तो यह तुष्टिकरण की राजनीति है।’