हिंदी भाषा को लेकर उत्तर और दक्षिण भारत के बीच विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब तमिलनाडु के उच्च शिक्षामंत्री डॉ. के. पोनमुडी ने हिंदी को लेकर एक विवादित बयान दे दिया है। पोनमुडी ने कहा कि भाषा के रूप में अंग्रेजी हिंदी से कहीं ज्यादा अहमियत रखती है और जो लोग हिंदी बोलते हैं, वे छोटे-मोटे काम करते हैं। उन्होंने यहां तक कह दिया कि हिंदी बोलने वाले कोयंबटूर में पानीपुरी बेच रहे हैं।
पोनमुडी ने यह विवादित बयान कोयंबटूर की भारथिअर यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में दिया है। उन्होंने कहा, हिंदी केवल एक ऑप्शनल लैंग्वेज होनी चाहिए, अनिवार्य नहीं। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने का वादा किया, लेकिन दावा किया कि राज्य सरकार केवल डुअल लैंग्वेज सिस्टम लागू करना चाहती थी।
बता दें कि उन्होंने तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि की मौजूदगी में यह सवाल उठाया कि हिंदी क्यों सीखनी चाहिए, जबकि अंग्रेजी जैसी अंतरराष्ट्रीय भाषा पहले से ही राज्य में सिखाई जा रही है। तमिल बोलने वाले स्टूडेंट किसी भी भाषा को सीखने के इच्छुक हैं, उनके लिए लेकिन हिंदी ऑप्शनल होनी चाहिए अनिवार्य नहीं।